पंचकूला में सरकारी स्कूल में मिड डे मील में निकले कीड़े, अभिभावकों का गुस्सा फूटा; पुलिस को की शिकायत

सेक्टर-17 के सरकारी स्कूल में मिड डे मील में कीड़े निकलने पर अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने मामले में पुलिस को शिकायत दी है। अभिभावकों का कहना है कि इस तरह का खाना बच्चों को देना बिल्कुल गलत है और उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 10:18 AM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 10:18 AM (IST)
पंचकूला में सरकारी स्कूल में मिड डे मील में निकले कीड़े, अभिभावकों का गुस्सा फूटा; पुलिस को की शिकायत
पंचकूला में सरकारी स्कूल में मिड डे मील में निकले कीड़े।

पंचकूला, जेएनएन। सेक्टर-17 के सरकारी स्कूल में मिड डे मील में कीड़े निकलने पर अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने मामले में पुलिस को शिकायत दी है। अभिभावकों ने मिड डे मील में निकले कीड़ों की बकायदा वीडियो भी बनाई है, जिसमें स्पष्ट तौर पर कीड़े चलते दिखाई दे रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि इस तरह का खाना बच्चों को देना बिल्कुल गलत है और उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। अभिभावक नरेंद्र चावरिया ने बताया कि गवर्नमेंट मॉडल स्कूल सेक्टर-17 से मुझे व्हाट्सएप पर सूचना आई थी कि अपने बच्चे का मिड-डे-मील ले जाएं। जब उन्होंने राशन लिया, तो उसमें कीड़े चल रहे थे। इसके बारे में मैंने स्कूल के इंचार्ज को सूचना दी और स्टाफ से भी जानकारी लेनी चाही, तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

नरेंद्र चावरिया ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि ठेकेदार का लाइसेंस तुरंत रद किया जाए, क्योंकि वह छोटे बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक राशन में गड़बड़ी कर रहा है और इस तरह से कीड़ों वाला खाना देने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। नरेंद्र चावरिया ने चावल भी दिखाए, जिसमें कीड़े चल रहे थे। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस भी स्कूल पहुंच गई। पुलिस ने भी स्कूल में रखे राशन को देखा, जिसमें एक बोरी में रखे राशन में कीड़े चल रहे थे। स्कूल की टीचर्स का कहना था कि इस बारे में शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और कार्रवाई होगी।

राजीव कॉलोनी निवासी पारसनाथ मौर्य ने बताया कि सेक्टर-17 के सरकारी स्कूल में बच्चों को खाने के लिए जो राशन दिया जा रहा है, उसमें लगातार कीड़े निकलने की सूचना आती रही है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के लिए यह खतरनाक हो सकता है। बार-बार जानकारी देने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर, ठेकेदार, स्कूल इंचार्ज सभी पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।

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