स्वास्थ्य क्षेत्र को इस बार मिलेगा सबसे अधिक बजट
तीन दिन बाद पहली फरवरी को आम बजट पेश होगा। बजट पेश होने के बाद चंडीगढ़ को नए वित्त वर्ष के लिए बजट आवंटित होगा।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़
तीन दिन बाद पहली फरवरी को आम बजट पेश होगा। बजट पेश होने के बाद चंडीगढ़ को नए वित्त वर्ष के लिए बजट आवंटित होगा। बताया जा रहा है कि इस बार बजट का फोकस स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्ट और इंजीनियरिग तीन क्षेत्रों पर होगा। चंडीगढ़ के दूसरे मेडिकल कालेज के लिए बजट का प्रावधान होगा। जीएमएसएच-16 को मेडिकल कालेज के तौर पर अपग्रेड किया जाना है। पिछले साल के मुकाबले इस बार एक हजार करोड़ कम बजट मिलने का अनुमान
केंद्र सरकार को यह प्रस्ताव प्रशासन पहले ही भेज चुका है। नए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए चंडीगढ़ ने 5670 करोड़ रुपये मांगे हैं। इसमें रेवेन्यू हेड के तहत पांच हजार करोड़ और कैपिटल हेड के तहत करीब 600 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। हालांकि इस बार मांग भी प्रशासन ने ज्यादा बढ़ाकर बजट देने की नहीं की है। पिछले बजट में ही मामूली बढ़त के साथ मांग भेजी गई थी। स्मार्ट सिटी के लिए मिलेंगे 100 करोड़
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नए बजट में करीब 100 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह पैसा सीधे स्मार्ट सिटी लि. कंपनी को दिया जाएगा। पिछले साल भी स्मार्ट सिटी के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये मिला था। नगर निगम के बहुत से कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ही आते हैं। इसलिए नगर निगम को यह आवंटित होगा। इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट शहर की बड़ी समस्या है। मजबूत पब्लिक ट्रांसपोर्ट विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक बसों को देखा जा रहा है। इन्हें खरीदने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को बजट मिलेगा। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण इंजीनियरिग डिपार्टमेंट को बजट सबसे अधिक आवंटित होगा। वर्ष 2020-21 कोरोना महामारी से निपटने की जद्दोजहद में नष्ट हो गया। अब वित्त वर्ष 2021-22 का फोकस डेवलपमेंट पर रहेगा। इसकी तैयारियां अभी से हो रही हैं। पिछले साल भी इतनी ही थी मांग
पिछले साल भी यूटी प्रशासन ने केंद्र सरकार से इतने ही पैसे बजट में मांगे थे। पिछले साल 5658 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया था। जिसमें रेवेन्यू हेड में 5058 तो कैपिटल हेड के तहत 600 करोड़ रुपये मांगे थे। हालांकि मिला इससे 500 करोड़ रुपये कम ही था। 2020-21 में कुल 5138 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें रेवेन्यू हेड के तहत 4643 और कैपिटल हेड में 494 करोड़ रुपये मिले थे। नए वित्त वर्ष पर पड़ेगा कटौती का असर
कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रति क्वार्टर पांच फीसद बजट कम खर्च करने के आदेश दे रखे हैं। जिसके तहत चार क्वार्टर में 20 फीसद बजट खर्च नहीं किया गया। जो लगभग 1027 करोड़ रुपये बनता है। मेन बजट में से एक हजार करोड़ रुपये की कटौती हो चुकी है। अब नए वित्त वर्ष में भी इस कटौती का असर दिखेगा। फाइनेंस डिपार्टमेंट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 20 फीसद कटौती के बाद बचे पैसे पर ही कुछ बढ़कर अगले साल के लिए मिलेगा। पिछले साल मिले बजट से भी कम बजट अगले साल के लिए मिल सकता है। जिससे अगले साल भी जरूरी कार्य ही हो सकेंगे।