Board Exam in Chandigarh: 12वीं कक्षा के लिए 100 का नहीं 80 नंबर का आएगा इकोनॉमिक्स का पेपर

शहर के सरकारी स्कूलों में इन दिनों बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने स्टूडेंट्स की सहुलियत के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इस बार 12वीं कक्षा के लिए इकोनॉमिक्स का पेपर 100 अंकों के बजाय 80 नंबर का आएगा।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 01:54 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 01:54 PM (IST)
Board Exam in Chandigarh: 12वीं कक्षा के लिए 100 का नहीं 80 नंबर का आएगा इकोनॉमिक्स का पेपर
इस बार इकोनॉमिक्स का पेपर 100 का नहीं 80 नंबर का आएगा।

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) बारहवीं कक्षा इकोनॉमिक्स का एग्जाम सौ के बजाय 80 अंकों का आएगा, जो कि स्टूडेंट्स के लिए राहत की बात है। वहीं कोरोना महामारी के चलते ऑफलाइन क्लासें नहीं लगने के चलते चंडीगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा जारी हेल्पलाइन पर प्रेक्टिकल से जुड़े सवालों की भरमार लग रही है।

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स की सहायता के लिए विभिन्न विषय विशेषज्ञों के 17 नंबर जारी किए हैं। जिसमें इकोनॉमिक्स विषय के डाउट क्लीयर करने के लिए गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल हाउसिंग बोर्ड कांप्लेक्स की लेक्चरर सोनिया गगनेजा की नियुक्ति की हुई है। स्टूडेंट्स सोनिया गगनेजा से 9501004383 नंबर पर दोपहर तीन बजे से शाम साढ़े सात बजे तक कॉल्स करके डाउट क्लीयर कर सकते हैं। बोर्ड एग्जाम चार मई से शुरू हो रहे है।

प्रेक्टिकल से जुड़ी कॉल्स आ रही

इकोनॉमिक्स की हेल्पलाइन पर इस समय सबसे ज्यादा कॉल्स प्रेक्टिकल को लेकर आ रही है। जिसका कारण ऑफलाइन क्लासें नहीं लगना है। इकोनॉमिक्स विशेषज्ञ के अनुसार प्रेक्टिकल से ही स्टूडेंट्स को बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है। हर प्रेक्टिकल का अलग-अलग परिणाम आता है जो कि रट्टा मारकर समझ नहीं आता। ऐसे में ज्यादातर कॉल्स प्रेक्टिकल को लेकर आ रही हैं।

मेक्रो और इंडियन इक्नॉमिक्स के टॉपिक डिलीट

कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई ने स्लेबस में कटौती की थी। जिसमें मेक्रो और इंडियन इकोनॉमिक्स के टॉपिक डिलीट किए गए हैं, जिनकी तैयारी स्टूडेंट्स को नहीं करनी है। टॉपिक्स की जानकारी स्कूल टीचर्स की तरफ से स्टूडेंट्स को दी गई है। उन्हें छोड़कर अन्य पूरे स्लेबस की तैयारी स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए करनी है। यदि स्टूडेंट्स को टॉपिक में परेशानी आ रही है तो वह स्लेबस की जानकारी स्कूल टीचर्स से ले सकता है।

रट्टा मार याद करने के बजाय लिखने की डालें आदत

इकोनॉमिक्स की थ्योरी प्रेक्टिकल करने से ही क्लीयर होती है। ऐसे में स्टूडेंट्स थ्योरी को रट्टा मारकर याद करने के बजाय लिखकर याद करें। लिखने से कई प्रकार के डाउट क्लीयर भी होते हैं और वह समझ भी आते हैं जिन्हें टीचर्स से पूछने पर जल्द क्लीयर किया जा सकता है।

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