ब्लड सैंपल टेस्टिंग लैब का समय सुबह आठ बजे, डाक्टर व टेक्निशियन आते हैं 10 बजे

पीजीआइ के एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में ब्लड सैंपल टेस्टिग का समय सुबह आठ बजे है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:41 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:41 AM (IST)
ब्लड सैंपल टेस्टिंग लैब का समय सुबह आठ बजे, डाक्टर व टेक्निशियन आते हैं 10 बजे
ब्लड सैंपल टेस्टिंग लैब का समय सुबह आठ बजे, डाक्टर व टेक्निशियन आते हैं 10 बजे

विशाल पाठक, चंडीगढ़ : पीजीआइ के एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में ब्लड सैंपल टेस्टिग का समय सुबह आठ बजे है। लैब में डाक्टर, टेक्निशियन व नर्सिग स्टाफ सुबह 10 बजे आराम फरमाते हुए आते हैं। डाक्टरी जांच में कई बच्चों को सुबह खाली पेट ब्लड सैंपल देकर टेस्ट कराना होता है। ऐसे केस में इन बच्चों को रात 12 बजे के बाद कुछ खाना-पीना नहीं होता। इन बच्चों को 10 घंटे तक बिना कुछ खाए-पीये सुबह 10 बजे तक ब्लड सैंपल टेस्टिग के लिए इंतजार करना पड़ता है। पीजीआइ के इस लचर सिस्टम के हर स्वजनों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है। एपीसी ग्राउंड फ्लोर रूम नंबर-2406 के बाहर रोजाना ऐसा ही नजारा होता है। सवाल ये कि आज तक किसी सीनियर डाक्टर या पीजीआइ प्रशासन के अधिकारियों ने एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर के लचर सिस्टम को सुधारने की कोशिश नहीं की। एक घंटा देरी से नौ बजे खोली लैब

पीजीआइ प्रशासन ने एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर के ब्लड सैंपल टेस्टिग लैब का समय सोमवार से शुक्रवार सुबह आठ से दोपहर 12:30 बजे तक का और शनिवार को सुबह आठ से 11 बजे तक का रखा है। दैनिक जागरण के संवाददाता ने बुधवार सुबह जब एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर के ब्लैड सैंपल टेस्टिग लैब जाकर देखा तो यहां अस्पताल के किसी कर्मचारी को लैब खुलने का सही समय नहीं पता था। कोई लैब आठ बजे खुलने, कोई नौ बजे, कोई 9.30 कह रहा था। डाक्टर, टेक्निशियन और नर्सिग स्टाफ ही सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंच रहे थे। केस स्टडी-1

सुबह सात बजे से कर रहे इंतजार

पंजाब के रोपड़ निवासी गुरुसेवक सिंह सुबह सात बजे आठ साल के बेटे प्रभजोत सिंह के साथ पीजीआइ के एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर के ग्राउंड फ्लोर के रूम नंबर-2406 में ब्लड सैंपल टेस्टिग के लिए पहुंचे। उनके बेटे का खाली पेट सैंपल लिया जाना था। प्रभजोत सिंह ने टेस्ट कराने के लिए रात 12 बजे के बाद से कुछ नहीं खाया था। उपर से बारिश में बस में धक्के खाकर इतना लंबा सफर कर पीजीआइ पहुंचना एक छोटे से बच्चे के लिए आसान नहीं। गुरुसेवक सिंह ने बताया पहले तो उन्हें एपी सेंटर के बाहर सिक्योरिटी गार्ड ने ये कहते हुए रोक लिया कि लैब अब आठ बजे नहीं नौ बजे खुलती है। गुरुसेवक ने एपी सेंटर के बाहर गेट पर पहले दो घंटे इंतजार किया। इसके बाद जब नौ बजे उसे लैब में जाने की अनुमति मिली तो यहां लैब के अटेंडेंट ने कहा कि डाक्टर व टेक्निशियन सुबह 9.30 बजे आएंगे। 9.30 बजे के बाद जब गुरुसेवक ने बेटे का टेस्ट कराने के लिए सैंपल देने की बात कही तो पता चला कि डाक्टर व टेक्निशियन सुबह 9.30 बजे तक भी नहीं पहुंचे। इसके बाद डाक्टर व टेक्निशियन सुबह 10 बजे आराम फरमाते हुए आए, इसके बाद मरीजों को देखना शुरू किया गया। केस स्टडी-2

भूख के मारे पांच साल का बच्चा पूछता रहा, डाक्टर कब आएंगे

पंजाब के मुल्लांपुर से रियासत अपने पांच साल के बेटे समर के टेस्ट कराने के लिए पहुंचे थे। इनके बच्चे का भी सुबह खाली पेट टेस्ट होना था। ऐसे में पांच साल का समर भी बिना कुछ खाये पीये टेस्ट कराने के लिए पीजीआइ के एपीसी पहुंचा था। संवाददाता के सामने पांच साल का मासूम समर भूख के मारे बार-बार पिता से बस ये सवाल कर रहा था कि डाक्टर कब आएंगे और उसका सैंपल लेंगे। ताकि वह सैंपल देकर कुछ खा-पी सके। मासूम समर को ये नहीं पता था कि ये पीजीआइ का सिस्टम है। यहां अफसरों और नेताओं की सुनी जाती है। आम जनता यहां इलाज कराने के लिए तो आती है, लेकिन आखिर में परेशान होकर जाती है।

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