चंडीगढ़ में दशहरा पर संशय, पटाखों की मंजूरी न मिली तो नहीं जलेंगे रावण के पुतले, अरुण सूद एडवाइजर से करेंगे मुलाकात
चंडीगढ़ में इस बाद दशहरा पर रावण कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलेंगे या नहीं इस पर अभी संशय बरकरार है। क्योंकि प्रशासन ने शहर में पटाखों पर पाबंदी लगा दी है। ऐसे में दशहरा कमेटी के सदस्य परेशानी में आ गए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 15 अक्टूबर को दशहरा है। ऐसे में दशहरे के कार्यक्रमों की तैयारियां जोरों पर हैं। पिछले कई दिनों से दशहरा उत्सव में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले दहन करने की तैयारियां चल रही थीं। पुतले जलाने के लिए पूरी तरह से तैयारी हो चुकी है, लेकिन प्रशासन के पटाखों पर रोक के आदेशों ने इन तैयारियों पर पानी फेर दिया है। अब आयोजक दुविधा में हैं कि आखिर यह पुतले जलाए जा सकेंगे या नहीं।
इसका कारण यह है कि पुतलों को बनाते से इनमें पटाखे पहले से ही लगाए गए हैं। अब पटाखों को हटाना संभव नहीं हो रहा। इस वजह से चंडीगढ़ प्रशासन को दशहरे पर पटाखे जलाने की मंजूरी मांगी जा रही है। दशहरे से एक दिन पहले वीरवार को चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने एडवाइजर धर्म पाल से मिलने के लिए समय मांगा है। बताया जा रहा है सूद एडवाइजर से दशहरे पर पटाखे जलाने की मंजूरी मांगेंगे। कई आयोजक मंडल अरुण सूद से संपर्क कर दशहरे पर पटाखों को मंजूरी दिए जाने की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि एडवाइजर से सूद की मुलाकात का परिणाम क्या निकलता है।
बताया जा रहा है कि अरुण सूद इस मामले में प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से भी मुलाकात कर सकते हैं। अब सभी की निगाहें अरुण सूद की मुलाकात पर टिकी हैं। प्रशासन ने सेक्टर-46 और 34 सहित कई जगह दशहरा उत्सव की मंजूरी दी है। कई जगह पुतले तैयार किए गए हैं। अब यह जलेंगे या नहीं अभी तय नहीं है। इसका कारण यह है कि आयोजक बता रहे हैं कि इन पुतलों में हरे बांस लगाए गए हैं। यह पटाखों की आग से ही जलेंगे। बिना पटाखों के यह जल नहीं पाएंगे।
क्रेकर्स एसोसिएशन विरोध में
पटाखों पर रोक लगाने के बाद से ही क्रैकर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ भी इस फैसले की खिलाफत कर रही है। एसोसिएशन के प्रेसिडेंट देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि जब पंचकूला और मोहाली में पटाखे बैन नहीं हैं तो चंडीगढ़ में करने से क्या होगा। इन दोनों शहरों में पटाखें जलेंगे तो धुआं तो चंडीगढ़ भी पहुंचेगा। साथ ही इन दोनों शहरों से पटाखे खरीदकर चंडीगढ़ लाए जाएंगे। उन्हाेंने यहां तक कहा कि उनके रोजगार को खत्म कर दिया गया है। उनके पूरे बिजनेस को पंचकूला और मोहाली में शिफ्ट किया जा रहा है। दो वर्षों से उनका नुकसान हो रहा है।