भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने संभाला मोर्चा, अफसरशाही पर लगाम लगाना व एमसी चुनाव में जीत दिलवाना रहेगी चुनौती

अगले साल नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो रहा है और इस बार 26 की बजाय 32 सीटों पर चुनाव होना है। पार्टी को पिछली बार की तरह बहुमत से ज्यादा सीटे दिलवाने के लिए रणनीति तैयार करने की जिम्मेवारी नए प्रभारी के कंधे पर ही है।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 11:13 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 11:13 AM (IST)
भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने संभाला मोर्चा, अफसरशाही पर लगाम लगाना व एमसी चुनाव में जीत दिलवाना रहेगी चुनौती
दुष्यंत गौतम के चंडीगढ़ आने पर भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने सभी मामलों की जानकारी दे दी है।

चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। भाजपा के नए प्रभारी दुष्यंत गौतम ने मंगलवार को मोर्चा संभाल लिया है, लेकिन उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद सहित अन्य नेताओं ने प्रशासन में हावी हो रही अफसरशाही के खिलाफ माेर्चा खोला हुआ है। ऐसे में अफसरशाही पर लगाम लगाते हुए पार्टी के अनुसार प्रशासन को काम करने के लिए तैयार करना सांसद दुष्यंत गौतम के लिए भी चुनौती रहेगी, क्योंकि अफसरशाही का मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के समक्ष भी पहुंच चुका है। दुष्यंत गौतम के चंडीगढ़ आने पर भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने सभी मामलों की जानकारी दे दी है।

अगले साल नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो रहा है और इस बार 26 की बजाय 32 सीटों पर चुनाव होना है। पार्टी को पिछली बार की तरह बहुमत से ज्यादा सीटे दिलवाने के लिए रणनीति तैयार करने की जिम्मेवारी नए प्रभारी के कंधे पर ही है। नए साल में मेयर का चुनाव होना है। ऐसा उम्मीदवार तय करना जो सभी को साथ लेकर चले इसे भी गौतम की ओर से ही तय करना है, क्योंकि नए मेयर के कार्यकाल को देखकर ही शहरवासी पार्षद चुनाव के लिए मतदान करेंगे। पार्टी में सीनियर नेताओं की गुटबाजी को पूरी तरह से खत्म करना भी गौतम के लिए एक बड़ा काम है।

इस समय पार्षदों के बीच भी तालमेल की कमी है। वाल्मीकि समाज सहित अनुसूचित जाति के वोट बैंक को पार्टी के साथ जोड़ना भी गौतम के लिए एक चुनौती है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में इस जाति का अधिकतर वोट कांग्रेस लेने में कामयाब रही थी। ऐसे में इस वर्ग में पार्टी का जनाधार बढ़ाना प्रभारी गौतम पर जिम्मेवारी है। इस समय शिरोमणि अकाली दल का भाजपा से गठबंधन टूट गया है। पंजाब की भी जिम्मेवारी प्रभारी दुष्यंत गौतम पर है। इस समय पार्टी चाहती है कि हर साल पार्षदों द्वारा मेयर को चुनने की प्रक्रिया की बजाय मेयर का चुनाव सीधे प्रत्यक्ष तौर पर जनता द्वारा मतदान करके चुने जाने का सिस्टम होना चाहिए या फिर मेयर का कार्यकाल एक की बजाय ढाई साल का होना चाहिए, लेकिन इन मामलों पर मंजूरी गृह मंत्रालय ने देनी है। ऐसे में इनमें से कोई एक काम करवाने की भी जिम्मेवारी नए प्रभारी पर होगी।

आज कोर ग्रुप और पार्षदों के साथ बैठक

बुधवार को प्रभारी दुष्यंत गौतम की सेक्टर-33 कार्यालय में कोर ग्रुप के नेताओं के अलावा पार्षदों के साथ बैठक है। इस बैठक में नेता व पार्षद अपनी बात रखेंगे। इस बैठक में पार्षद एमसी के वित्तीय संकट को उठाने जा रहे हैं। कोर ग्रुप की बैठक में संगठन मंत्री दिनेश कुमार व पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन भी शामिल होंगे।

अगले साल होने वाले नगर निगम चुनाव में चंडीगढ़ भाजपा 100 फीसद परिणाम देगी। पार्टी के सभी नेताओं के साथ बैठक करके चंडीगढ़ के मुद्दों पर उनकी राय ली जाएगी। हर मामले को पहले समझा जाएगा, उसके बाद उस पर काम किया जाएगा।

सांसद दुष्यंत गौतम, प्रभारी, पंजाब व चंडीगढ़

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