बिना एग्रीमेंट के ही कंपनी को सौंप दिया बर्ड एवियेरी का काम

सुखना लेक के साथ स्थित सिटी फॉरेस्ट में बर्ड एवियेरी प्रोजेक्ट का काम चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:02 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:02 AM (IST)
बिना एग्रीमेंट के ही कंपनी को सौंप दिया बर्ड एवियेरी का काम
बिना एग्रीमेंट के ही कंपनी को सौंप दिया बर्ड एवियेरी का काम

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सुखना लेक के साथ स्थित सिटी फॉरेस्ट में बर्ड एवियेरी प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट ने मोहाली की दिशा एसोसिएट्स को इस प्रोजेक्ट का काम सौंप रखा है। दिशा एसोसिएट्स को डिपार्टमेंट ने 3.38 करोड़ रुपये का टेंडर अलॉट कर काम तो सौंप दिया, लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कांट्रेक्ट एग्रीमेंट साइन नहीं किया। इस पर ऑडिट डिपार्टमेंट ने सवाल उठाए हैं। डिपार्टमेंट की लापरवाही की परतें उधेड़ी हैं। इस पूरे गोलमाल का रिपोर्ट में विस्तार से जिक्र कर जवाब मांगा है। ऑडिट में यहां तक कहा गया कि अगर पूरे मामले में इतनी खामियां हैं की अगर कोई व्यक्ति लीगल तौर पर इसे चुनौती देता है तो डिपार्टमेंट कोर्ट में जवाब नहीं दे पाएगा। माई ट्री फाउंडेशन के संस्थापक प्रेम गर्ग और पर्यावरणविद राहुल महाजन ने इस मामले में बुधवार को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया।

ईको सेंसटिव जोन में कंस्ट्रक्शन

राहुल महाजन ने कहा कि ईको सेंसटिव जोन की वजह से सुखना के साथ लगते एरिया में हाई कोर्ट ने किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा रखी है। फिर भी बर्ड एवियेरी बनाने को लेकर न सिर्फ नियमों को ताक पर रखा गया, बल्कि वित्तीय आधार पर कई गड़बड़ियां की गई हैं। कोर्ट में बताया गया कि टेंपरेरी स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है, जबकि जो स्ट्रक्चर बनाया है उसकी फाउंडेशन कंक्रीट की है। महाजन ने आरोप लगाए कि इस स्ट्रक्चर के लिए कई पेड़ तक काटे गए। पीपल के पेड़ को रीट्रांसप्लांट किया, लेकिन वह भी सूख गया है। जनरल फाइनेंस रूल्स का उल्लंघन

प्रेम गर्ग ने बताया कि बर्ड एवियेरी के निर्माण पर यह सवाल जनरल फाइनेंस रूल्स-2017 के तहत उठे हैं। जनरल फाइनेंस रूल्स में किसी भी निर्माण कार्य को चालू करने से पहले निर्माण करने वाली एजेंसी के साथ कांट्रेक्ट एग्रीमेंट साइन करना जरूरी है। बावजूद इसके चंडीगढ़ के चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट कार्यालय ने 10 जनवरी 2020 को फैब्रीकेशन वर्क ऑफ बर्ड एवियेरी नाम से ई-टेंडर जारी किया। इसके बाद 2 मार्च 2020 को मोहाली के दिशा एसोसिएट्स के नाम करीब 3.38 करोड़ रुपये का वर्क अलॉट कर दिया गया। इस अलॉटमेंट के बाद भी विभाग ने निर्माण करने वाली एजेंसी के साथ कोई एग्रीमेंट साइन नहीं किया। परफार्मेस गारंटी राशि नहीं की रिन्यू

फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने दिशा एसोसिएट्स के लिए सभी नियम कायदों की तिलांजली दे दी। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एजेंसी ने 29 फरवरी 2020 को जो परफोर्मेस गारंटी के तौर पर करीब 16.90 लाख रुपये की राशि जमा करवाई थी, उसकी मियाद 28 फरवरी 2021 को समाप्त हो गई। इसके बाद यह गारंटी दोबारा रिन्यू नहीं की गई, जो ऑडिट रिपोर्ट में यह सामने आया है। ऑडिट रिपोर्ट में इसे सीधे तौर पर सरकारी खजाने पर डाला गया संकट बताया गया है।

समयावधि पूरी, काम अधूरा होने पर नहीं लगाई पैनल्टी

टेंडर के मुताबिक निर्माण करने वाली एजेंसी को 2 सितंबर 2020 तक कार्य पूरा करना था, लेकिन यह कार्य अभी भी चल रहा है। खास बात यह है कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने एजेंसी को समय की कोई छूट नहीं दी गई और न ही निर्धारित समयसीमा के भीतर निर्माण कार्य पूरा नहीं करने पर कोई जुर्माना लगाया गया। यह भी ऑडिट में सवाल किया है।

एस्टीमेट से 37 मीट्रिक टन स्टील का अधिक इस्तेमाल

फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने जो टेंडर डाक्यूमेंट तैयार किया था, उसमें 256.78 मीट्रिक टन स्टील खपत का एस्टीमेट बताया था। दिलचस्प बात यह भी है कि निर्माण करने वाली एजेंसी ने निर्माण में करीब 37.348 मीट्रिक टन अतिरिक्त स्टील लगने का दावा किया है। 256.78 की जगह 294.123 मीट्रिक टन स्टील इस्तेमाल किया गया। करीब 14.54 फीसद अधिक धनराशि इस्तेमाल की गई और इसकी मंजूरी तक नहीं ली गई। ऑडिट रिपोर्ट के पैरा नंबर-1ए में इसका जिक्र किया गया है। इस प्रोजेक्ट की नींव के निर्माण में भी गड़बड़ी पाई गई है। करीब 39.05 लाख रुपये का यह कार्य मोहाली की दिशा एसोसिएट्स को ही आवंटित किया गया था। प्रेम गर्ग ने कहा कि डिपार्टमेंट ने इस कार्य के लिए परफार्मेंस गारंटी राशि जमा कराने की शर्त भी नहीं रखी।

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