पटाखों पर पाबंदी का फायदा तभी जब ट्राईसिटी में लागू हों आदेश, पंचकूला और मोहाली से चंडीगढ़ पहुंचेंगे पटाखे

यूटी प्रशासन ने पिछले साल भी पटाखे बेचने और जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगाई थी। दशहरे और दीपावली दोनों त्योहार पर कहीं कोई स्टॉल पटाखे बिक्री की नहीं लगी। हालांकि चोरी छिपे पटाखे जलाए गए थे। यह रोक चंडीगढ़ की सीमा में लगाई गई है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 12:39 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 12:39 PM (IST)
पटाखों पर पाबंदी का फायदा तभी जब ट्राईसिटी में लागू हों आदेश, पंचकूला और मोहाली से चंडीगढ़ पहुंचेंगे पटाखे
प्रशासन लाख प्रयास के बाद भी पटाखों को चंडीगढ़ पहुंचने से नहीं रोक सकता।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। प्रशासन ने चंडीगढ़ में पटाखे बेचने और जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है, लेकिन इस पाबंदी का फायदा तभी होगा जब इसके आसपास के शहरों में भी पाबंदी लगी हो। हालांकि ट्राईसिटी में पड़ोसी शहर पंचकूला और मोहाली में पटाखों पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। पंचकूला और मोहाली में पटाखे बिके तो फिर इस पाबंदी का चंडीगढ़ में कोई फायदा नहीं होगा। इन दोनों शहरों से पटाखे चंडीगढ़ पहुंचने में देर नहीं लगेगी। साथ ही प्रशासन लाख प्रयास के बाद भी पटाखों को चंडीगढ़ पहुंचने से नहीं रोक सकता। चोरी छिपे लोग इसे चंडीगढ़ लाएंगे।

इतना ही नहीं चंडीगढ़ में चोरी छिपे यह बिकेगा भी खूब। बल्कि इसकी ब्लैक मार्केटिंग तक होने की संभावना बढ़ रही है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाता है। यूटी प्रशासन ने पिछले साल भी पटाखे बेचने और जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगाई थी। दशहरे और दीपावली दोनों त्योहार पर कहीं कोई स्टॉल पटाखे बिक्री की नहीं लगी। हालांकि चोरी छिपे पटाखे जलाए गए थे। यह रोक चंडीगढ़ की सीमा में लगाई गई है। मोहाली और पंचकूला में पिछले साल भी रोक नहीं थी। हरियाणा सरकार ने पहले रोक के आदेश किए लेकिन बाद में रोक हटा ली। इस बार भी ऐसा ही लग रहा है कि दोनों जगह मंजूरी रहेगी। ऐसे में पटाखे इन दोनों शहरों से खरीदकर चंडीगढ़ लाए जाएंगे। पिछले वर्ष भी ऐसा हुआ था। इससे चंडीगढ़ प्रयास का भी कोई फायदा नहीं होगा।

ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन तभी फायदा

कोरोना महामारी के दौरान भी ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग और आपसी तालमेल से ही वायरस पर काबू पाया गया। पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन की मीटिंग करते थे। आपराधिक घटनाओं से निपटने के लिए ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन रहता है। बीट लेवल तक कोऑर्डिनेशन की बात होती रही है। पटाखे न जलें इसके लिए भी प्रयास ट्राईसिटी स्तर पर हों तो बेहतर होगा। एक शहर में पाबंदी और दूसरे में छूट इसका कोई फायदा नहीं होगा।

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