मंत्रियों के शपथ ग्रहण से पहले पंजाब कांग्रेस में फिर घमासान, बलबीर सिद्धू व कांगड़ बोले- हमारा कसूर क्या है
पंजाब कांग्रेस में अभी घमासान थमा नहीं है। चन्नी मंत्रिमंडल के गठन से पहले पार्टी में एक बार फिर मंत्री पद को लेकर घमासान मच गया है। बलबीर सिद्धू व गुरप्रीत कांगड़ को मंत्री नहीं बनाया जा रहा। उनका कहना है कि उनका कसूर क्या है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह से पहले एक बार फिर पार्टी में घमासान मच गया है। राणा गुरजीत सिंह को मंत्री बनाए जाने के खिलाफ सुखपाल सिंह खैहरा व कुछ अन्य विधायकों ने मोर्चा खोल दिया दिया है। खैहरा की अगुवाई में नवतेज सिंह चीमा, जूनियर अवतार हेनरी व कुछ अन्य विधायक कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को मिलने के लिए पहुंचे।
सुखपाल खैहरा का कहना है कि दोआबा से किसी अनुसूचित जाति के विधायक को कैबिनेट में लेना चाहिए, क्योंकि तीनों ही सरदार है। जूनियर अवतार हैनरी का कहना है कि राणा गुरजीत सिंह को करप्शन के मुद्दे पर हटाया गया था। आरोप आज भी ये ही मुद्दा है। वहीं ये भी सवाल उठ रहे है कि जो लोग संगठन में काम कर रहे हैं, उन्हें कैबिनेट में शामिल न किया जाए। सीधा सवाल परगट सिंह, संगत सिंह गिलजियां और कुलजीत नागर पर उठ रहे है। इस बीच सूचना है कि कुलजीत नागरा का मंत्रिमंडल से पत्ता कट गया है उनकी जगह अमलोह के विधायक काका रणदीप सिंह को मंत्री बनाया जा रहा है।
उधर, पूर्व कैबिनेट मंत्री बालवीर सिद्धू और गुरप्रीत कांगड़ ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपना दर्द बयां किया है। मंत्री पद न मिलने से नाराज दोनों नेताओं ने कहा कि आखिर उनका कसूर क्या है। बलवीर सिद्धू ने कहा कि फतेह किट और कोविड-19 वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों को बेचने का मामला है। उसका उनके विभाग के साथ कोई लेना देना नहीं था, क्योंकि पूर्व मुख्य सचिव विनी महाजन ही इसे देख रही थी। इस मामले में वही जवाब दे सकती हैं।
बलवीर सिद्धू प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भावुक हो गए। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि फांसी देते वक्त भी एक बार जज अंतिम इच्छा पूछ लेते हैं, लेकिन पार्टी उन्हें एक बार कह देती कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया जा रहा है तो उन्हें दुख न होता, लेकिन उन्हें जलील किया गया।