चंडीगढ़ में भी अकाली-बसपा गठबंधन की तैयारी
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए शिरोमणी अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन हो गया है। इसका असर चंडीगढ़ की राजनीति पर भी पड़ेगा।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए शिरोमणी अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन हो गया है। इसका असर चंडीगढ़ की राजनीति पर भी पड़ेगा। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले इस साल दिसंबर माह में चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव होंगे। इसमें अकाली दल बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकता है। इसकी औपचारिक घोषणा जल्द हो जाएगी। दोनों दलों के स्थानीय अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के नेता इस गठबंधन के लिए तैयार है। कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे यह भी जल्द तय हो जाएगा।
अब तक हुए नगर निगम चुनाव में अकाली दल हमेशा ही भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ता रहा है, लेकिन पंजाब में गठबंधन टूटने के बाद चंडीगढ़ में भी भाजपा और अकाली दल का नाता टूट गया है। इस समय अकाली दल के पार्षद हरदीप सिंह ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष है। हर बार भाजपा की ओर से नगर निगम चुनाव में चार सीटें अकाली के लिए छोड़ी जाती रही है। भाजपा से नाता टूटने के बाद चंडीगढ़ अकाली दल पहले से शहर की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। अब नगर निगम की सीटें भी 26 से बढ़कर 35 हो गई हैं। अकाली दल का इस समय गांव और बसपा कालोनियों में जनाधार है। दोनों दलों को एक दूसरे की जरूरत है। चंडीगढ़ बसपा के अध्यक्ष सुखदेव सिंह है। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए दोनो दलों के बीच आधी आधी सीटों के लिए समझौता हो चुका है।
बसपा और अकाली के बीच गठबंधन करवाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री दलजीत सिंह चीमा की अहम भूमिका रही है। चीमा इस समय चंडीगढ़ अकाली दल के भी प्रभारी है। साल 2011 में जीते थे बसपा के दो पार्षद
अब तक बसपा अकेले ही नगर निगम चुनाव लड़ती आई है। साल 2011 के नगर निगम चुनाव में बसपा से दो सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिनमें रामदरबार और बापूधाम की सीटें शामिल है। इससे पहले साल 2006 में भी बसपा ने एक सीट जीती थी। लेकिन साल 2016 के चुनाव में बसपा कोई भी सीट नहीं जीत पाई। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन बसपा की सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं उस समय 70 हजार वोट धवन को मिले थे। पंजाब विधानसभा के लिए अकाली और बसपा के बीच गठबंधन हो गया है। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में भी दोनो दल मिलकर चुनाव लड़े तो काफी अच्छे परिणाम आएंगे। वह इसके लिए तैयार है। अंतिम निर्णय पार्टी लेगी।
- हरदीप सिंह, शिअद के चंडीगढ़ अध्यक्ष।
बसपा और अकाली दल एक साथ नगर निगम चुनाव का लड़े तो नगर निगम में अगले साल गठबंधन का ही मेयर बनेगा। इस समय शहरवासी कांग्रेस और भाजपा दोनों से दुखी है।
- सुखदेव सिंह, बसपा के चंडीगढ़ अध्यक्ष।