चंडीगढ़ में हर महीने रिजस्टर्ड हो रहे 5 हजार से ज्यादा नए वाहन, ऐसी कीमत चुका रहा सिटी ब्यूटीफुल

आकड़ों की मानें तो सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में हर महीने पांच हजार नई कारें रजिस्टर्ड होती हैं। इसके अलावा अन्य कमर्शियल वाहन अलग हैं। शहर में ट्रैफिक बोझ बढ़ रहा है। इसकी कीमत शहर को चुकानी पड़ रही है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 02:40 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 02:40 PM (IST)
चंडीगढ़ में हर महीने रिजस्टर्ड हो रहे 5 हजार से ज्यादा नए वाहन, ऐसी कीमत चुका रहा सिटी ब्यूटीफुल
कारों की इस बढ़ती रफ्तार को नहीं रोका गया तो इसके परिणाम घातक सिद्ध होंगे।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। देश और विदेश में अपनी खुबसूरती को लेकर पहचान बना चुके सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ की सुंदरता कम हो रही है। इसका मुख्य कारण शहर में बढ़ता ट्रैफिक का बोझ है। शहर की खूबसूरती और पहचान को बढ़ती कार डकार रही हैं। कारों की बढ़ती संख्या से ग्रीनरी का एरिया सिकुड़ रहा है। सड़कें चौड़ी होने से पेड़ काटे जा रहे हैं। ग्रीन कवर कम हो रहा है। शहर की पहचान रही राउंडअबाउट हटाए जा रहे हैं। जबकि पहले इन्हीं से चंडीगढ़ को दूसरे शहरों से अलग माना जाता रहा है। 

कारों की इस बढ़ती रफ्तार को नहीं रोका गया तो इसके परिणाम घातक सिद्ध होंगे। शहर की हवा भी दिल्ली जैसे शहरों की तरह प्रदूषित हो जाएगी। क्लीन एयर नसीब नहीं होगी। खुलेपन और ग्रीनरी के लिए विख्यात चंडीगढ़ अब कारों से घिरा रहता है। सड़कें चौड़ी, राउंडअबाउट छोटे करने या हटाने के बाद भी समस्या बढ़ रही है। हर दो महीने में दस हजार नंबरों की एक पूरी सीरीज खत्म हो रही है।यानि हर महीने शहर में पांच हजार कारें नए रजिस्ट्रड हो रही हैं। इस दौरान तीन से चार हजार ट्रांसपोर्ट वाहन अलग से पंजीकृत हो रहे हैं। मोटर्राज्ड वाहनों का यह बढ़ता ट्रेंड खतरनाक है।

सख्त कदम उठाने की जरूरत

सप्ताह में एक दिन साइकिल चलाने से न केवल शारीरिक तौर पर इम्यून सिस्टम मजबूत होगा बल्कि शहर की हवा भी स्वच्छ होगी। कम से कम एक दिन कारों का धुआं स्वच्छ हवा को प्रदूषित नहीं करेगा। विषाक्त गैस इसमें नहीं मिलेंगी। कहने को सप्ताह में एक दिन है लेकिन इसकी गणना करें तो महीने में चार या पांच और साल में 48 से 52 दिन साइकिल चलेगी। ऐसे में अगर प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी यह पहल करें तो साल में 52 दिन कार्बन का उत्सर्जन बहुत कम होगा।

एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा, प्यूरीफाई टावर लगने लगे

हवा की गुणवत्ता इतनी खराब होने लगी है कि अब शहर में प्रदूषित हवा को साफ करने के लिए एयर प्यूरीफिकेशन टावर लग रहे हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स सर्दियों में बढ़कर 400 तक पहुंचने लगा है। पहले दिल्ली में ही ऐसा होता था।

कार पूल की डालनी होगी आदत

अधिकतर एक ही व्यक्ति कार को इस्तेमाल करता है। जबकि उस कार में चार पैसेंजर और सफर कर सकते हैं। कार पूल के जरिए यही कार पांच लोगों को गंतव्य तक पहुंचा सकती है। एक बार स्कूलों से इसकी शुरुआत हुई लेकिन आगे नहीं बढ़ी। नीति आयोग भी कार पूल के लिए कह चुका है। बेंगलुरु जैसे शहर में कार पूल सिस्टम है। एक ही बिल्डिंग सरकारी ऑफिस में काम करने वाले इंप्लाइज एक ही जगह से अलग कार में आते हैं। कार पूल या शेयरिंग हो तो कार कम निकलेंगी और फ्यूल भी बचेगा।

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