Omicron Variant News: कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के खतरे से निपटने के लिए पुख्ता हो तैयारी
Omicron Variant News सरकार को संभावित खतरे को देखते हुए अलग वार्ड बनाने से लेकर आवश्यक दवाइयों पर्याप्त वेंटीलेटर इत्यादि की व्यवस्था शीघ्र करनी होगी। ऐसा न हो कि आग लगने पर कुआं खोदने जैसी स्थिति दोबारा बने।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रतिदिन चालीस हजार टेस्ट किए जाने का निर्देश देकर उचित ही किया है। सरकार को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारी पुख्ता करनी होगी। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी यह देखने में आया था कि संसाधनों की कमी के कारण सरकार के आदेश उचित तरीके से लागू नहीं हो पाए थे। गत दिनों दो मंत्रियों की बातों से ऐसा लगा कि सरकार की तैयारी संतोषजनक नहीं है।
उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य विभाग देख रहे ओपी सोनी ने जहां प्रतिदिन चालीस हजार टेस्ट के आदेश दिए वहीं, स्वास्थ्य शिक्षा व अनुसंधान मंत्री डा. राजकुमार वेरका का कहना था कि विभाग के पास प्रतिदिन 35 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट करने की ही क्षमता है।
पिछले साल भी प्रदेश में टेस्ट करने की क्षमता कम होने के कारण सैंपल लेने के चार-पांच दिन बाद तक लोगों की रिपोर्ट नहीं आ पाती थी। इसके बाद लैब की संख्या बढ़ाई जरूर गई, लेकिन अब भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। यह राहत की बात है कि अभी तक देश में कोरोना के नए वैरिएंट के दो केस ही सामने आए हैं, लेकिन संभावित खतरे को देखते हुए अलग वार्ड बनाने से लेकर आवश्यक दवाइयों, वेंटीलेटर इत्यादि की व्यवस्था यथाशीघ्र करनी होगी। ऐसा न हो कि आग लगने पर कुआं खोदने जैसी स्थिति दोबारा बने।
इसके अलावा विदेश से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन करना और उनका पूरा रिकार्ड रखना भी अति आवश्यक है। पिछले साल विदेश से आने के बाद कई लोग गायब हो गए थे जिनका पता लगाने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच और टीकाकरण आवश्यक है। प्रदेश में टीकाकरण का कार्य बीच-बीच में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कार्य कर रहे कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रभावित हो रहा है। मंगलवार को भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
अगले साल की शुरुआत में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को लगता है कि इस समय सरकार पर दबाव बनाकर वे अपनी मांगों को मनवा सकते हैं। शिक्षा विभाग, बिजली, स्थानीय निकाय सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों ने भी प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। चूंकि कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे को देखते हुए चुनौती बढ़ गई है, इसलिए प्रदेश सरकार को देखना होगा कि कम से कम स्वास्थ्य विभाग में आवश्यक सेवाएं बाधित न हों।