संभल कर चलिए जनाब! गेट वे ऑफ चंडीगढ़ कहे जाने वाले जीरकपुर के एयरपोर्ट रोड पर कई फीट गहरे गड्ढे
इन दिनों जीरकपुर की सड़कों की हालत काफी खस्ता है। गेट वे ऑफ चंडीगढ़ कहे जाने वाले जीरकपुर से एयरपोर्ट जाने वाली सड़क पर कई फीट गहरे गड्ढे हादसों को न्यौता दे रहे हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
जीरकपुर, जेएनएन। जनाब, गेट वे ऑफ चंडीगढ़ कहे जाने वाले जीरकपुर की सड़क समझ कर सरपट भागने की कोशिश जानलेवा साबित हो सकती है। क्योंकि शहर की सड़कों की हालत बहुत ही खस्ता है। ऐसे में लोगों को यह समझना मुश्किल हो गया है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। शहर की हालत ऐसी है कि सड़कों पर कभी सीवरेज का पानी जमा रहता है, तो कभी बारिश का।
हम बात कर रहे हैं जीरकपुर की मैकडी चौक से ऐयरपोर्ट रोड की। यहां आलम यह है कि इन गड्ढों वाली सड़कों पर सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी। हैरानी की बात है कि कई फीट गहरे गड्ढे न तो जिला प्रशासन को दिखाई दे रहे हैं और ही नगर परिषद को। लाखों रुपये खर्च कर बनाई इन सड़कों की दशा और दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है। इन सड़कों पर रात में सफर करना आसान नहीं है।वहीं, ऐसी ही हालत शहर के पॉश एरिया की सड़कों की भी है।
करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सड़कों की हालत खस्ता
शहर के विकास पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। लेकिन सड़कों की हालत को देखकर यह विकास का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। करीब वर्ष 2015-16 में करोड़ रुपये की लागत से बनी इस सड़क की मरम्मत टूटने के बाद दोबारा नहीं हुई। पांच साल बाद ही सड़कों की हालत खस्ता हो गई। बावजूद सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं।
लोगों ने इस सड़क के साथ वाली तंग सड़क पर चलने वाले भारी वाहनों के खिलाफ कुछ दिन पहले रोष प्रदर्शन भी किया। इसके बाद पुलिस ने मैकडी चौक की सड़क का कोई स्थायी हल निकालने के लिए भारी वाहनों को डायवर्ट करके बीच में बनी लिंक रोड से जोड़ कर बड़े वाहनों को निकालने का प्रबंध किया था। इसके बाद इस रूट पर हैवी ट्रैफिक डायवर्ट कर दी गई और हैवी वाहनों को कफिला गुजरने लगा। नतीजा यह हुआ कि एक सप्ताह भी नहीं बीता कि अच्छी खासी सड़क टूट गई। हालत यह हो गई कि इन वाहनों का बोझ नहीं सह पाई और जगह-जगह टूट कर जानलेवा गड्ढों में दबदील हो गई।