बायोमेडिकल वेस्ट पर बार कोड लगाना जरूरी, रास्ते में इसे नहीं किया जा सकेगा इधर-उधर

बायोमेडिकल वेस्ट कई बार कबाड़ी की दुकानों और अन्य जगहों पर पकड़ा जाता रहा है। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी और पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी कई बार बायोमेडिकल वेस्ट के ट्रक पकड़े हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:19 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:19 PM (IST)
बायोमेडिकल वेस्ट पर बार कोड लगाना जरूरी, रास्ते में इसे नहीं किया जा सकेगा इधर-उधर
बायोमेडिकल वेस्ट पर बार कोड लगाना जरूरी, रास्ते में इसे नहीं किया जा सकेगा इधर-उधर

बलवान करिवाल, चंडीगढ़

बायोमेडिकल वेस्ट कई बार कबाड़ी की दुकानों और अन्य जगहों पर पकड़ा जाता रहा है। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी और पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी कई बार बायोमेडिकल वेस्ट के ट्रक पकड़े हैं। लेकिन अब इस तरह से बायोमेडिकल वेस्ट को इधर-उधर फेंका या बेचा नहीं जा सकेगा। ऐसा करने की कोशिश मात्र से ही पता चल जाएगा कि किस हॉस्पिटल का वेस्ट है। बायोमेडिकल वेस्ट के हर थैले पर बार कोड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। सभी हेल्थ केयर फेसिलिटी (एचसीएफ) को बार कोड सिस्टम अपनाना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी ने ऐसे एचसीएफ की शिकायत चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सीपीसीसी) से की है। साथ ही इन सभी एचसीएफ को भी रिमाइंडर भेज दिया गया है। प्रशासन ने सिटी का एनवायरमेंट प्लान तैयार किया है। उसमें बायोमेडिकल वेस्ट से निपटने के लिए एक्शन प्लान में बार कोड सिस्टम को शामिल किया गया है। रोजाना चार हजार किलोग्राम बायोमेडिकल वेस्ट होता है जेनरेट

शहर में 890 नंबर हेल्थ केयर फेसिलिटी (एचसीएफ) हैं। इनमें 49 बेड वाले एचसीएफ हैं और 841 बिना बेड वाले ऑपरेशनल एचसीएफ चंडीगढ़ में हैं। इन सभी से रोजाना 3500 से चार हजार किलोग्राम बायोमेडिकल वेस्ट जेनरेट होता है। सभी ने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 के तहत चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सीपीसीसी) के पास रजिस्टर्ड करा रखा है। यहां से जेनरेट होता है वेस्ट

बायोमेडिकल वेस्ट वह होता है जो मानव या किसी पशु के डायग्नोसिस, ट्रीटमेंट या इम्यूनाइजेशन और रिसर्च वर्क बायोलॉजिकल टेस्टिग या हेल्थ कैंप से जेनरेट होता है। यह हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, डिस्पेंसरी, वेटरनरी, एनिमल हाउस, पैथोलॉजिकल लैबोरेटरी, ब्लड बैंक, आयुष हॉस्पिटल, स्कूल के फ‌र्स्ट एड रूम से जेनरेट होता है। थैले पर बार कोड, वाहन पर जीपीएस सिस्टम

सरकारी अस्पताल, नर्सिगहोम और डायग्नोस्टिक सेंटर का एक कर्मी अपने सामने वेस्ट की थैलियों का वजन कराएगा। उन थैलियों पर बारकोड और खास तरह की सील लगाई जाएगी। इसके बाद खास तरह के सेंसर से बारकोड को स्कैन किया जाएगा। नर्सिंगहोम का कर्मी थैलियों की ऑनलाइन रिपोर्ट बायोमेडिकल वेस्ट प्लांट में भेज देगा। वहां गाड़ी पहुंचने पर फिर से वजन किया जाएगा। वजन में अंतर आने पर स्टाफ पर कार्रवाई की जा सकेगी। जिस वाहन से यह वेस्ट जाएगा उस पर भी जीपीएस ट्रैकिग सुविधा होगी। उस रूट भी ट्रैक किया जा सकेगा।होता यह है कि बार कोड नहीं होने से रास्ते में ही वेस्ट को इधर-उधर कर बेच दिया जाता है। ग्लूकोज की बोतल और दूसरा प्लास्टिक से बना सामान बेच दिया जाता है। बायोमेडिकल वेस्ट को डिस्पोज नहीं करने का असर

स्वास्थ्य पर असर

एड्स, हेपेटाइटिस बी एंड सी

गेस्ट्रो एंट्रिक इंफेक्शन

ब्लड स्ट्रीम इंफेक्शन

स्किन इंफेक्शन एन्वायरमेंटल इफेक्ट

ग्राउंड और सरफेस वाटर पर प्रभाव

एंबियंट एयर क्वालिटी पर प्रभाव

सोलिड वेस्ट पर प्रभाव

मिट्टी पर प्रभाव यहां से निकलता है बायोमेडिकल वेस्ट

एचसीएफ 890

क्लीनिक, लेबोरेटरी, ब्लड बैंक 695

गवर्नमेंट डिस्पेंसरी 54

वेटरनरी हॉस्पिटल, सब सेंटर 15

बेडेड हॉस्पिटल 51

कुल बेड 4453 यहां होता है वेस्ट डिस्पोजल

दो बायोमेडिकल वेस्ट इनसिनरेटर्स चंडीगढ़ में हैं। गवर्नमेंट मेडिकल स्पेशलिटी हॉस्पिटल-16 में इनसिनरेटर ऑपरेशनल है जो इंस्टीट्यूट के ही वेस्ट को ट्रीट करने का काम करता है। दूसरा बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट एंड डिस्पोजल फेसिलिटी है जो बाकी सभी एचसीएफ का इनसिनरेटर वेस्ट ट्रीट करता है। पीजीआइ सेक्टर-12 और जीएमएसएच-16 नॉन इनसिनेटर वेस्ट को खुद ट्रीट करते हैं। बाकी सभी एचसीएफ का नॉन इनसिनेटर वेस्ट इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट एंड डिस्पोजल फेसिलिटी उपलब्ध है।

chat bot
आपका साथी