Eid al-Adha 2021: चंडीगढ़ में बकरों की कीमतें ऊंची, कोविड के कारण इस बार भी कम हुई बिक्री

चंडीगढ़ में बकरों की कीमतों में भारी इजाफा देखने को मिला। अधिकतम कीमत 25000 रुपये तक चुकाई गई। विक्रेता मोहम्मद असलम ने बताया कि कोरोना के चलते इस बार मात्र 15 बकरे ही बिके है हालांकि उन्हें उनकी कीमत ठीक मिल गई।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 07:03 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 07:03 PM (IST)
Eid al-Adha 2021:  चंडीगढ़ में बकरों की कीमतें ऊंची, कोविड के कारण इस बार भी कम हुई बिक्री
चंडीगढ़ में बकरीद के मौके पर बकरों की खरीदारी को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं है। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। देश भर के साथ बुधवार को चंडीगढ़ में भी बकरीद पारंपरिक तरीके से मनाई जा रही है। मस्जिदों की तरफ से खुले में कुर्बानी से इंकार करने के बाद मंगलवार को शहर की मार्केट में बकरों की बिक्री पर ब्रेक देखने को मिली। बकरों की कीमतों में भारी इजाफा देखने को मिला। अधिकतम कीमत 25,000 रुपये तक चुकाई गई। विक्रेता मोहम्मद असलम ने बताया कि कोरोना के चलते इस बार मात्र 15 बकरे ही बिके है हालांकि उन्हें उनकी कीमत ठीक मिल गई। बता दें कि चंडीगढ़ शहर के अंदर कहीं बकरा मंडी नहीं लगती है। बकरीद के दिन केवल मनीमाजरा और सेक्टर 45 की मार्केट में बकरे बिकते हैं। 

तीस किलो तक के बकरे की डिमांड ज्यादा

वहीं, अजहर ने बतया कि कीमतें भले ही इस बार बकरों की बेहतर मिली है लेकिन इस बार बकरे छोटे बिके हैं। हर साल 30 किलो से ज्यादा वजन के बकरों की डिमांड होती थी लेकिन इस बार 30 किलो तक का बकरा ही मांगा जा रहा है यदि वजन ज्यादा हो रहा है तो लोग उसे छोड़ रहे हैं। कोरोना के कारण इस बार खरीदारी फीकी ही रही है।  

शहर में कहीं कुर्बानी के लिए नहीं जुटेगी भीड़

शहर में किसी भी स्थान पर कुर्बानी के लिए भीड़ नहीं जुटेगी। शहर की सभी मस्जिदों में सुबह साढ़े सात बजे से पहले नमाज होगी। मस्जिद में नमाज अता करने आने वाले लोगों को कोरोना नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। बिना मास्क के किसी भी व्यक्ति को मस्जिद के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उसके अलावा नमाज अता करने के दाैरान भी फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। सेक्टर-20 स्थित जामा मस्जिद के मौलाना अजमल खान ने कहा कि कोरोना के चलते सिर्फ नियमों के अनुसार मस्जिद में नमाज होगी। उसके बाद यदि किसी ने बकरे की कुर्बानी देनी है तो वे अपने-अपने घरों में रीति रिवाज से कर सकते हैं। बकरीद के जो भी नियम करने होंगे वह गली या फिर खुले स्थान पर इकट्ठे होने के बजाए घरों में पूरे किए जाएंगे। 

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