खराब गेहूं तभी बदलेगा जब प्रशासन की शर्तो पर खरे उतरेंगे लाभार्थी
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत जिन लोगों को खराब गेहूं बांटा गया था अब उन्हें इसके बदले में साफ गेहूं दिया जा रहा है लेकिन इसके लिए लाभार्थी को कई तरह की शर्तो का पालन करना होगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत जिन लोगों को खराब गेहूं बांटा गया था अब उन्हें इसके बदले में साफ गेहूं दिया जा रहा है, लेकिन इसके लिए लाभार्थी को कई तरह की शर्तो का पालन करना होगा। शर्तो पर खरे उतरे तो ही गेहूं बदला जाएगा। शर्त पूरी नहीं की तो खराब गेहूं ही रखना होगा। फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट ने स्पष्ट किया है कि जो खराब गेहूं कुछ जगहों पर बंटा है वह 24 अगस्त से नौ सितंबर तक बांटा गया था। इस वजह से प्रशासन ने तय किया है कि इसी बीच बांटे गेहूं को ही बदला जाएगा। इसके आगे पीछे बांटे गेहूं को वापस नहीं किया जाएगा। यह शर्त होगी पूरी तो ही बदलेगा गेहूं
केवल वही लाभार्थी जिन्होंने 24 अगस्त से नौ सितंबर के बीच गेहूं प्राप्त किया है। यह गेहूं कम्युनिटी सेंटर विकास नगर मौलीजागरां, मौलीजागरां कॉलोनी, कम्युनिटी सेंटर शिवालिक गार्डन मनीमाजरा, गोविदपुरा, सेक्टर-26, कम्युनिटी सेंटर हाउसिग बोर्ड कॉलोनी धनास, ईडब्ल्यूएस धनास और कम्युनिटी सेंटर मलोया में बांटा गया है। 25 किलो से कम तो नहीं होगा वापस
गेहूं का बैग 25 किलो का होगा तभी उसको बदला जाएगा। फ्लोर बैग या जिनका वजन 25 किलो से कम होगा उन्हें वापस नहीं लिया जाएगा। लाभार्थी को खराब गुणवत्ता युक्त गेहूं का बैग साथ लाना होगा। 25 किलो बैग की रिप्लेसमेंट में ही नया गेहूं का बैग दिया जाएगा। गेहूं की क्वालिटी फूड इंस्पेक्टर चेक करेंगे। केवल खराब गुणवत्ता युक्त गेहूं ही बदला जाएगा। अच्छी गुणवत्ता वाला गेहूं किसी सूरत में नहीं बदला जाएगा। लाभार्थी को खराब गेहूं बैग और इसके लिए जारी गुलाबी टोकन स्लिप साथ लाना अनिवार्य है। खराब गेहूं बांटने पर हुई फजीहत
पीएमजीकेवाई स्कीम के तहत यह गेहूं बांटा गया था, लेकिन गेहूं की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि इसे लेने से लोगों को इन्कार कर दिया, तो शिकायत अधिकारियों तक पहुंची। भाजपा ने छवि खराब करने के आरोप लगाए। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद व काउंसलर ने फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट के अधिकारियों से मीटिग की। इसमें खराब गेहूं को वापस लेने का निर्णय लिया गया था। साथ ही अनदेखी पर कार्रवाई की बात भी कही गई थी। एफसीआइ पंजाब में दो फूड इंस्पेक्टर तक को क्वालिटी चेक करने के लिए लगाया गया था।