शहीद मेजर नवनीत की मां को ढूंढने में जुटी सेना व प्रशासन, बेटे की शहादत व पति की मौत के बाद हो गई थी मानसिक तौर पर बीमार

यूटी प्रशासन और सेना शहीद मेजर नवनीत वत्स की माता वीना विचित्रा को ढूंढने में जुटी हैं। बेटे मेजर नवनीत वत्स की शहादत और पति नीरज वत्स की मौत के बाद वह मानसिक तौर पर बीमार हो गई थी।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 12:44 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 12:44 PM (IST)
शहीद मेजर नवनीत की मां को ढूंढने में जुटी सेना व प्रशासन, बेटे की शहादत व पति की मौत के बाद हो गई थी मानसिक तौर पर बीमार
यूटी प्रशासन और सेना शहीद मेजर नवनीत वत्स की माता वीना विचित्रा को ढूंढने में जुटी हैं।

चंडीगढ़ [विकास शर्मा]। यूटी प्रशासन और सेना शहीद मेजर नवनीत वत्स की माता वीना विचित्रा को ढूंढने में जुटी हैं। बेटे मेजर नवनीत वत्स की शहादत और पति नीरज वत्स की मौत के बाद वह मानसिक तौर पर बीमार हो गई थी। अब वह कहां है इसका किसी कोई पता नहीं है। इस मामले का खुलासा खुद पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने किया। उन्होंने यूटी प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वह जल्द से जल्द शहीद नवनीत वत्स की मां ढूंढे और उनके खाने-पीने रहने की व्यवस्था करे। इसी सिलसिले में हाल ही प्रशासक ने शहीद मेजर नवनीत वत्स के भाई निमिष वत्स से भी मुलाकात की। निमिष वत्स भी मनोरोगी हैं और मौजूदा समय में वह सेक्टर-47 के आश्रय होम में रहते हैं।

छह गोलियां लगने के बावजूद आतंकियों से लड़ते रहे नवनीत

वर्ष 2003 में कुछ आतंकियों ने श्रीनगर में स्थित टेलीकाम बिल्डिंग पर कब्जा कर लिया था। इन आतंकियों को खेदड़ने की जिम्मेदारी 32 राष्ट्रीय राइफल्स को मिली। इस सैन्य कार्रवाई को आपरेशन रक्षक का नाम दिया गया। मेजर नवनीत वत्स अपनी टीम को लीड करते हुए आगे बढ़े और आतंकियों की भारी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। आतंकी हमले में नवनीत वत्स बुरी तरह से घायल हो गए, उन्हें छह गोलियां लगी थी, लेकिन वह तब तक डटे रहे जब तक उन्होंने आतंकियों का खात्मा नहीं दिया। 20 नवंबर 2003 को उनका देहांत हो गया। उनके अदम्य साहस के लिए सेना ने उन्हें सेना मेडल देकर सम्मानित किया गया। 

डीएवी कालेज -10 वार म्यूजियम में भी लगी है नवनीत वत्स की तस्वीर

शहीद मेजर नवनीत वत्स की पढ़ाई डीएवी कालेज-10 में हुई थी। डीएवी कालेज देश का इकलौता ऐसा कालेज है जिसका अपना वार मेमोरियल है। अकेले डीएवी कालेज से 13 ऐसे पूर्व छात्र हैं जिन्होंने सेना में जाकर अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए गैलेंटरी अवार्ड जीते हैं। डीएवी कॉलेज से परमवीर चक्र विजेता विक्रम बत्तरा, महावीर चक्र विजेता मेजर संदीप सागर और सेकेंड लेफ्टिनेंट राजीव संधू और वीर चक्र विजेता कैप्टन विजयंत थापर भी इसी कालेज के छात्र रहे हैं। प्रो रविंदर चौधरी ने बताया कि अपने छात्र जीवन के दौरान नवनीत वत्स बेहद गंभीर और शांत स्वभाव के थे। आतंकियों से लड़ते हुए उन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश के लिए सर्वोत्तम बलिदान दिया।  

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