चिठ्ठी न कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश... चंडीगढ़ में सजी एक शाम गजल गायक जगजीत सिंह के नाम
रविवार को टैगोर थिएटर के मिनी आडिटोरियम में प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह की याद में एक गजलों भरी शाम का आयोजन किया गया। इसमें शहर के जाने माने संगीत निर्देशक एवं गजल गायक अर्जुन जयपुरी अपनी गजलें प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। प्राचीन कला केंद्र की ओर से रविवार को टैगोर थिएटर के मिनी आडिटोरियम में प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह की याद में एक गजलों भरी शाम का आयोजन किया गया। इसमें शहर के जाने माने संगीत निर्देशक एवं गजल गायक अर्जुन जयपुरी अपनी गजल गायिकी से गजल प्रेमियों की खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम में सभागार पूरी तरह से खचाखच भरा हुआ था। इस अवसर पर वरिष्ठ कत्थक गुरु डा. शोभा कौसर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। अर्जुन जयपुरी ने संगीत के बहुत से क्षेत्रों में अपनी बहु आयामी प्रतिभा के बल पर न केवल बड़ा मुकाल हासिल किया है बल्कि नए आयाम भी बनाये हैं। अर्जुन ने अपनी आवाज से सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह की याद में इस शाम को संजोया।
उन्होंने ने कार्यक्रम की शुरुआत बेहतरीन गजल बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी से की। इसके बाद उन्होंने कई खूबसूरत गजलें प्रस्तुत करके दर्शकों को सराबोर कर दिया। उन्होंने सरकती जाये है रुख से, दोस्त बन बन के मिले, कल चौहदवीं की रात थी, अपनी आंखों के समंदर में उतर जाने दे आदि गजलें पेश की, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इसके बाद अर्जुन ने कुछ और प्रसिद्ध ग़ज़लों से शाम को यादगारी बना दिया। झुकी झुकी सी नज़र, होश वालों को खबर क्या, प्यार का पहला खत लिखने में, तेरे खुशबू से भरे खत मैं जलाता कैसे और कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो की प्रस्तुत की।
अंत में अर्जुन ने जगजीत की उम्दा गजल चिठ्ठी न कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश... गाकर दर्शकों को भावुक कर दिया। इनके साथ मंच पर वॉयलिन पर उनस वारसी, गिटार पर मुनीश सचदेवा एवं गोल्डी सिंह, तबले अपर चेतन शर्मा, ढोलक पर सुरेश नायक और रिथम पर विजय नायक ने बखूबी संगत की। कार्यक्रम के अंत में केंद्र के सचिव सजल कोसर ने कलाकारों को सम्मानित किया।
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