भारत व पाकिस्तान के वास्तुकार जुटेंगे पहले सिख आर्किटेक्चर सिम्पोजियम में

पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव को मनाने के लिए सात 14 और 21 सितंबर को सिख वास्तुकला पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। संगोष्ठी में वर्चुअल रुप से भारत और पाकिस्तान के करीब एक हजार आर्किटेक्ट और पेशेवर इस आयोजन से जुड़ेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 06:12 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 06:12 PM (IST)
भारत व पाकिस्तान के वास्तुकार जुटेंगे पहले सिख आर्किटेक्चर सिम्पोजियम में
भारत व पाकिस्तान के वास्तुकार जुटेंगे पहले सिख आर्किटेक्चर सिम्पोजियम में

सात, 14 व 21 सितंबर को सिख वास्तुकला पर होगी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

-गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव की कड़ी में दोनो देशों के विशेषज्ञ करेंगें सिख वास्तुकला पर चर्चा

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जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव को मनाने के लिए सात, 14 और 21 सितंबर को सिख वास्तुकला पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। संगोष्ठी में वर्चुअल रुप से भारत और पाकिस्तान के करीब एक हजार आर्किटेक्ट और पेशेवर इस आयोजन से जुड़ेंगे।

साकार फाउंडेशन की ओर से होने वाली इस संगोष्ठी में उत्तरी भारत के आठ प्रतिष्ठित आर्किटेक्चर स्कूल और विश्वविद्यालय के साथ-साथ कई राष्ट्रीय स्तर के संगठन जैसे दी सिख चैंबर आफ कामर्स चंडीगढ़, पंजाब चैप्टर का इंडियन इंस्टीटयूट आफ आर्किटेक्ट्स, फायर एंड सेफ्टी एसोसिएशन आफ इंडिया, ऐसोचैम व आश्रय आदि जुड़े हैं। संयोजक आर्किटेक्ट एवं पूर्व मनोनीत पार्षद सुरिदर बाहगा के अनुसार सात सितंबर को होने वाले सत्र में लाहौर युनिवर्सिटी के आर्ट हस्ट्री के ऐसोसिएट प्रोफेसर डा. नरधा शाहबाज खान, चंडीगढ़ कालेज आफ आर्किटेक्ट के पूर्व प्रिंसिपल एसएस भट्टी, औरंगाबाद से संरक्षण वास्तुकार आब्रहिम पाथरोस और सीटी युनिवर्सिटी के प्रोफेसर श्रुति कपूर सहित अन्य वक्ता सिख वास्तुकला के अनछूए पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे। उन्होंने बताया कि 14 सितंबर को नार्थ वेस्टर्न इंडिया की हिंदु-मुस्लिम वास्तुकला के विशेषज्ञ डा. सुभाष परिहार, पाकिस्तान के आर्किटेक्ट व शिक्षाविद् परवेज वंदल, लाहौर स्थित इंस्टीटयूट फार आर्ट एंड कल्चर की पूर्व वीसी सजिदा हैदर भाई राम सिंह द्वारा भारत, पाकिस्तान और इंग्लैंड में दिए गए वास्तु प्रोजेक्ट के विषय में अवगत करवाएंगे। अमृतसर स्थित जीएनडीयू के पूर्व प्रोफेसर डा. बलविदर सिंह कंजर्वेशन आफ सिख आर्किटेक्चरल हैरिटेज पर विचार व्यक्त करेंगें। 21 सितंबर को समकालीन सिख आर्किटेक्चर सत्र पर विश्व विख्यात वास्तुकार मौशे सैफदी अपने आनंदपुर साहिब स्थित खालसा हेरिटेज कांप्लेक्स की वास्तु शैली, डा. कीर्ति भोंसले और कुलदीप कौर भाटिया पंजाब के गुरुद्वारों की वास्तु शैली, चरणजीत शाह करतारपुर कारिडोर व मुरथल हरियाणा से डा. ज्योति पांडेय भी सिख वास्तुकला शैली पर अपने विचार रखेंगी।

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