ये हैं पंचकूला की अर्चना पुरी... लॉकडाउन में माली, स्वीपर और मेड को बिना काम की दी पूरी सैलरी
पंचकूला के सेक्टर-12 में रहने वाली अर्चना पुरी फूड कॉरपोशन ऑफ इंडिया विभाग से सेवानिवृत हैं। उन्होंने बताया कि बीते साल लॉकडाउन के दौरान दूसरों के घर में काम करके खुद घर चलाने वाले लोगों का काम बंद हो गया था।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। दूसरों की मदद करना इंसानियत का पहला कर्म माना जाता है। यदि हम मुश्किल समय में किसी के काम नहीं आ सके तो हमारे इंसान होने का कोई मतलब नहीं बनता। इसी सोच के साथ पंचकूला की रहने वाली अर्चना पूरी ने जरूरतमंद लोगों को मदद की। इससे यह फायदा हुआ कि उन्हें ऐसा करता देख उनके आस पड़ोस के लोगों ने भी उनका साथ दिया और इस नेक काम में भागीदार बने।
पंचकूला के सेक्टर-12 में रहने वाली अर्चना पुरी फूड कॉरपोशन ऑफ इंडिया विभाग से सेवानिवृत हैं। उन्होंने बताया कि बीते साल लॉकडाउन के दौरान दूसरों के घर में काम करके खुद घर चलाने वाले लोगों का काम बंद हो गया था। ऐसे में इन लोगों के पास अपना घर चलाने के लिए पैसे भी नहीं थे।
अर्चना ने बताया कि उन्होंने उनके घर पर काम करने वाली मेड, माली और स्वीपर को लॉकडाउन के दौरान उन्होंने पूरे तीन महीने की पूरा वेतन दिया। उन्होंने कहा कि मेरे पैसे देने से उसका घर चलता रहा और मेरा कर्म पूरा हो गया।
अर्चना को देख सहेलियों ने भी की पहल
अर्चना ने जब जरूरतमंद लोगों की आर्थिक मदद की तो उसके बाद उनकी सहेलियों ने भी शुरुआत की और करीब सौ से ज्यादा महिलाओं ने अपने घरों में काम करने वालों की पैसे देकर या फिर राशन देकर मदद की। अर्चना ने बताया कि हम यदि बुरे समय में किसी के काम नहीं आ सकें तो हमारे पास पैसे होने का कोई अर्थ नहीं रह जाता। मैंने करीब तीन महीने तक उन लोगों को बिना काम के पैसे देकर मदद की तो आज वही लोग मेरे साथ मेरा परिवार बनकर खड़े हैं। जब भी मुझे कोई जरूरत होती है तो वह लोग मेरे अपने परिवार से भी पहले आकर खड़े हो जाते हैं। मेरे एक प्रयास से लॉकडाउन के दौरान करीब पांच सौ से भी ज्यादा घरों की मदद की गई।