बजट सत्र में पेट्रोल पर वैट कम करने की हो घोषणा

प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोल-डीजल पर वैट की आसमान छूती दरों से पंजाब सरकार अपने राजस्व का भी नुकसान कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Mar 2021 08:46 AM (IST) Updated:Mon, 08 Mar 2021 08:46 AM (IST)
बजट सत्र में पेट्रोल पर वैट कम करने की हो घोषणा
बजट सत्र में पेट्रोल पर वैट कम करने की हो घोषणा

जागरण संवाददाता, मोहाली : प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोल-डीजल पर वैट की आसमान छूती दरों से पंजाब सरकार अपने राजस्व का भी नुकसान कर रही है। पंजाब में पेट्रोलियम पदार्थो में पड़ोसी राज्यों की तुलना में महंगा होने की वजह से बिक्री में भी गिरावट आई है और पेट्रोलियम व्यावसाय तालाबंदी की कगार पर पहुंच गया है। पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन पंजाब (पीपीडीएपी) ने सरकार से मांग की है कि पेट्रोलियम व्यावसाय को बचाने एवं राजस्व वृद्धि के लिए चालू बजट सत्र में ही पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर वैट की दरें कम करने की घोषणा की जाए। पीपीडीएपी के अध्यक्ष परमजीत सिंह दोआबा, महासचिव डॉ. मंजीत सिंह एवं प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा है कि मौजूदा समय में पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर में पेट्रोल डीजल पंजाब की तुलना में सस्ता है। अगर शुक्रवार के ही मोहाली के रेट की तुलना की जाए, तो चंडीगढ़ में पेट्रोल पंजाब से 5.30 रुपये, ऊना में 5.84 रुपये, शिमला में 4.16 रुपये, हमीरपुर में 5.35 रुपये, अंबाला में 4.42 रुपये दिल्ली में 1.89 रुपये और जम्मू में 2.03 रुपये प्रति लीटर पंजाब से सस्ता है। इसी तरह से डीजल क्रमश: 2.85, 4.70, 3.32, 4.28, 2.43, 2.49,1.86 रुपये प्रति लीटर सस्ता है। जिसका नुकसान पंजाब की जनता, किसान ट्रांसपोर्टर को भी झेलना पड़ रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की गलत वैट नीति के कारण राज्य को सालाना दो हजार करोड़ राजस्व का नुकसान हो रहा है। दो हजार करोड़ की अतिरिक्त आय पड़ोसी राज्यों को जा रही है। अगर सरकार वैट की दर कम कर दे, तो प्रदेश की जनता को तो राहत मिलेगी ही, पंजाब के सरकारी खजाने को भी दो हजार करोड़ की अतिरिक्त आय होगी

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