शहर में लगाई जा रही एलईडी लाइटों के प्रति लोगों में आक्रोश
पैसे के बार-बार दुरुपयोग को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली नगर परिषद इस बार एक बार फिर चर्चा में है। लोगों ने नगर परिषद पर पुरानी स्ट्रीट लाइटों को बदलकर शहर में नई एलईडी लाइटें लगाने के काम में धांधली करने के आरोप लगाए है।
जागरण संवाददाता, मोहाली (जीरकपुर) : पैसे के बार-बार दुरुपयोग को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली नगर परिषद इस बार एक बार फिर चर्चा में है। लोगों ने नगर परिषद पर पुरानी स्ट्रीट लाइटों को बदलकर शहर में नई एलईडी लाइटें लगाने के काम में धांधली करने के आरोप लगाए है। लोगों का कहना है कि शहर में जो लाइटें लगाई जा रही है, उनकी रोशनी बहुत कम है। अकाली दल से जुड़े पार्षद इसका विरोध परिषद की बैठक में कर चुके है।
पिछले कुछ दिनों से जीरकपुर नगर परिषद की ओर से सत्ताधारी कांग्रेस पार्षदों की मंजूरी के बाद विभिन्न वार्डो में एलईडी लाइट लगाने का काम जोरों पर है। कम लाइट होने के कारण स्थानीय लोग वार्ड पार्षदों और नगर परिषद अधिकारियों के खिलाफ रोष भी व्यक्त कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे घर के सामने इन एलईडी लाइटों को लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पहले जो स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी, वह बहुत अच्छी रौशनी देती थी और अब लगाई जा रही स्ट्रीट लाइटों की बहुत कम रोशनी होती है। पार्षद धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि नगर परिषद की ओर से लगाई जा रही एलईडी लाइटों की रोशनी केवल उनके बेस को ही रोशन करती है, जबकि नगर परिषद का दावा है कि ये लाइट 30 वाट की है। उन्होंने कहा कि अगर इनमें से किसी भी लाइट की एजेंसी से पड़ताल करवाई जाए तो यह 18 वाट से अधिक नहीं निकलेंगी। उन्होंने कहा कि 14 वॉट के सीएफएल बल्ब में नई लाइट से ज्यादा रोशनी होती है। स्थानीय लोगों ने कहा कि इन एलईडी लाइटों पर खर्च होने वाले पैसे का इस्तेमाल अन्य जनकल्याण कार्यों में किया जाए और इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।