आपात सेवाओं के लिए डायल करें 112, गृह मंत्री अमित शाह ने की सेवा लॉन्च

नई सेवा इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम डायल 112 पर सभी तरह की आपात स्थिति के लिए होगा जिस पर कॉल कर मदद मांगी जा सकेगी। अमित शाह ने इस नए सिस्टम को चंडीगढ़ में लॉन्च किया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 10:14 AM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2019 08:40 AM (IST)
आपात सेवाओं के लिए डायल करें 112, गृह मंत्री अमित शाह ने की सेवा लॉन्च
आपात सेवाओं के लिए डायल करें 112, गृह मंत्री अमित शाह ने की सेवा लॉन्च

जेएनएन, चंडीगढ़। आज से चंडीगढ़ में आपातकाल में मदद के लिए आपको अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं होगी। नई सेवा इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम डायल 112 पर सभी तरह की आपात स्थिति के लिए होगा, जिस पर कॉल कर मदद मांगी जा सकेगी। इसकी शुरुआत शुक्रवार को यहां गृह मंत्री अमित शाह ने की।

अमित शाह ने इसके अलावा चंडीगढ़ पुलिस के हाईटेक ई-बीट सिस्टम की भी शुरुआत की। शाह ने होटल हयात में नॉदर्न जोनल काउंसिल की मीटिंग में ऑनलाइन सिस्टम के तहत इसका ऑपरेशन शुरू किया। अभी चंडीगढ़ सेक्टर-9 स्थित पुलिस हेडक्वार्टर में बनाए 112 कॉमन कंट्रोल रूम से डायल नंबर 100 (पुलिस), 101 (फायर) और 108 (एंबुलेंस) सर्विस को जोड़ा गया है। कंट्रोल रूम में इन सभी हेल्पलाइन के कर्मचारियों का भी डेस्क बनाया गया है। जहांं इनके कर्मचारी भी बैठकर कॉल अटैंड कर आगे की कार्रवाई के लिए सूचित करेंगे।

इस कंट्रोल रूम में कॉल डायवर्ट करने की सुविधा है। इसके साथ अभी सभी इमरजेंसी डायल नंबर 100, 101 और 108 चालू रहेंगे। भविष्य में दूसरे सभी कंट्रोल रूम नंबर जैसे ट्रैफिक (1073) महिला हेल्पलाइन (1091, 181), चाइल्ड हेल्पलाइन(1098) सहित सभी अन्य हेल्पलाइन को डायल नंबर 112 से जोड़ा जाएगा। इसके साथ अलग-अलग हेल्पलाइन के कर्मचारियों को अपने सेक्शन में बैठकर कॉल अटैंड करने और ट्रांसफर करने की सुविधा है। अभी इमरजेंसी सहायता के लिए 20 से अधिक आपात नंबर हैं। कई बार स्थिति ऐसी होती है कि यह ध्यान ही नहीं रहता की कौन सी मदद के लिए कौन सा नंबर है। कई बार नंबर व्यस्त रहने के बाद लग नहीं पाता। नई इमरजेंसी लाइन को इन सब दिक्कतों का हल माना जा रहा हैं।

हाईटेक ई-बीट सिस्टम

आज से चंडीगढ़ पुलिस का हाईटेक ई-बीट बूथ सिस्टम शुरू हो गया है। एसएसपी नीलांबरी जगदाले के नेतृत्व में तैयार किए गए ई-बीट बूथ के हर बीट इंचार्ज को टैबलेट दिया गया है। यह सिर्फ टैबलेट नहीं होंगे बल्कि पूरी पुलिसिंग इसके अंदर होगी। बीट इंचार्ज के पास पूरा डाटा होगा। टैब पर क्लिक करते ही शहर से जुड़ी हर जानकारी मिल जाएगी। एरिया में ज्वैलर्स की शॉप कितनी हैं, कहां हैं, मार्केट कहां, शॉप, शराब के ठेके कहां और कितने, सीनियर सिटीजन के डिटेल्स, पीजी हाउस डिटेल्स, टेनेंट डिटेल्स, आदतन चोरी, स्नैचर, वांटेड अपराधियों सहित दूसरे अपराधियों की डिटेल्स होगी। इतना ही नहीं एप पर अपराधी और उसका पूरा काला चिट्ठा यानी रिकॉर्ड भी होगा। अभी तक यह जानकारी पुलिस कर्मियों को मैनुअल ही जुटानी पड़ती थी।

ई-बीट बुक एप से पब्लिक ले सकती है मदद

गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर से आप मोबाइल पर ई-बीट बुक एप डाउनलोड कर सकते हैं। एप के माध्यम से बीट पुलिस को किसी भी संबंधित शिकायत, अपराधिक गतिविधियों की जानकारी, नशा बिक्री और सट्टेबाजी की शिकायत दे सकते हैं। इसके अलावा पीजी हाउस, टेनेंट वेरिफिकेशन करवाने सहित सीनियर सिटीजन अपनी बात तुरंत बीट पुलिस तक पहुंचा सकते हैं। नए सिस्टम के तहत नाके पर बीट इंचार्ज अपराधियों का डाटा देखकर तुरंत एक्शन ले सकते हैं। ई-बीट में इंटरएक्टिव फीचर भी होगा। यानी संबंधित एरिया के लोग बीट इंचार्ज से बात कर सकेंगे अपने सुझाव और शिकायत तुरंत दे सकेंगे। इस हाईटेक सिस्टम के बाद बीट की संख्या भी बढ़ेगी।

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