दीपावली सेलीब्रेशन के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी प्रयास, गोशाला सेक्टर-45 के सदस्य बना रहे गोबर की मूर्तियां और दीये

दीपावली सेलीब्रेशन के साथ पर्यावरण संरक्षण का अनूठा प्रयास कर रहा है गोशाला सेक्टर-45 गोशाला संचालक गौरी शकर सेवादल की ओर से दीपावली से पहले पूजन के लिए गाय के गोबर की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। इन मूर्तियों और दीयों को लोगों को मुफ्त में बांटा जाएगा।

By Edited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 02:40 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 02:44 PM (IST)
दीपावली सेलीब्रेशन के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी प्रयास, गोशाला सेक्टर-45 के सदस्य बना रहे गोबर की मूर्तियां  और दीये
दीपावली सेलीब्रेशन के साथ पर्यावरण संरक्षण का अनूठा प्रयास।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। दीपावली सेलीब्रेशन के साथ पर्यावरण संरक्षण का अनूठा प्रयास कर रहा है गोशाला सेक्टर-45 गोशाला संचालक गौरी शकर सेवादल की ओर से दीपावली से पहले पूजन के लिए गाय के गोबर की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। इन मूर्तियों और दीयों को आठ नवंबर के बाद लोगों को मुफ्त में बांटा जाएगा। मूर्ति निर्माण से पहले गोशाला की तरफ से दीयों का भी निर्माण चल रहा है। अब तक करीब पाच हजार से भी ज्यादा दीये तैयार किए जा चुके हैं।

पूजा के बाद मूर्तियों को पानी में डालकर बना सकते हैं खाद गोशाला के सदस्यों द्वारा बनाई जा रही श्री गणेश भगवान और माता लक्ष्मी की मूर्तियों को पूजन के बाद पानी में गलाकर उन्हें गमलों में खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। पूजा करने के बाद इन मूर्तियों को कहीं पर भी विर्सजित करने की जरूरत नहीं है।

मां लक्ष्मी के बाद बना रहे गणपति

दीपावली के मौके पर मा लक्ष्मी और गणपति की पूजा की जाती है। ऐसे में गौशाला में दोनों ही प्रकार की मूर्तियों का निर्माण हो रहा है और निर्माण के बाद उन्हें पेंट करके सजाया भी जा रहा है ताकि यदि कोई पूजा के बाद उन मूर्तियों को मंदिर में रखना चाहे तो वह रखी जा सके।

सेलीब्रेशन के साथ पर्यावरण बचाव हमारा उद्देश्य  

मूर्ति निर्माण करवाने वाले सुमित शर्मा ने बताया कि हमारा उद्देश्य त्योहार को मनाने के साथ पर्यावरण को सुरक्षा देना है। हम परंपरा के अनुसार पूजा भी कर सकेंगे और एक बार इस्तेमाल होने के बाद खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे जहा पर गाय की उपयोगिता बढ़ रही है वहीं पर पर्यावरण भी स्वच्छ बनेगा और हम पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रख सकेंगे।

दीयों में मिलाया जा रहा है हवन का सामान

गोशाला के सचिव विनोद शर्मा ने बताया कि दीपावली के लिए हम दीये बना रहे है उनमें हवन की सामग्री मिक्स की हुई है। जैसे ही हम दीये में ज्योति डालकर जलाएंगे तो उसके बाद दीया भी जल जाएगा। उससे जो धुआ निकलेगा वह घर की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देता है इसके अलावा कई बार के कीट, पतंगे भी घर में नहीं आते।

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