कोरोना संक्रमण से ज्यादा खतरनाक है आइसोलेशन में अकेलापन और महामारी होने का डर
नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर एचएस लक्की ने 26 मार्च से लगातार 40 दिनों तक गरीब लोगों के लिए लंगर की सेवा की। उसके बाद मजदूरों की घर वापसी में मदद की और उन्हें मास्क और सैनिटाइजर भेंट किए।
चंडीगढ़, सुमेश ठाकुर। कोरोना इतना खतरनाक नहीं है जितना आइसोलेशन का अकेलापन और कोरोना नाम का डर। मैंने कभी भी इसे खुद पर हावी नहीं होने दिया, जिसका परिणाम है कि मैं 15 दिनों में पूरी तरह से ठीक होकर वापस काम पर लौट चुका हूं। चंडीगढ़ नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस के जरनल सेक्रेटरी एचएस लक्की कोरोना को हराकर अपने कर्मक्षेत्र में वापस आ चुके है।
उन्होंने बताया कि कोरोना ने जैसे ही भारत में दस्तक दी तो मैं उसी समय से इसे कंट्रोल करने के काम में जुटा हुआ था। एचएस लक्की ने बताया कि वे सेक्टर-8 शिव मंदिर कमेटी के प्रेसिडेंट है और उन्होंने 26 मार्च से 40 दिनों तक लंगर की सेवा की। उसके बाद मजदूरों की घर वापसी में मदद की और उन्हें मास्क और सैनिटाइजर भेंट किए।
हल्की थकान होने पर घर में हो गया आइसोलेट
लक्की ने बताया कि उन्हें तीन सितंबर को हल्की थकान और जकड़न महसूस हुई तो वे खुद ही घर में आइसोलेट हो गए। पांच सितंबर को पहली बार बुखार हुआ लेकिन वह भी दो-तीन दिन में ठीक हो गया, जिसें नजरअंदाज कर दिया। हालांकि इस दौरान वे घर से बाहर नहीं गए। उसके बाद 11 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आ गई, जिसके बाद मोबाइल पर ही अपने सारे काम को किया और लोगों की। लोगों के कामों के लिए नगर निगम के अधिकारियों से बात करना जारी रखा। 17 सितंबर को पूरी तरह से ठीक हो गए और अब दो दिन से फील्ड में काम कर रहे है। लक्की ने बताया कि उनको बैंडमिंटन खेलने का शौक है। ठीक होने के बाद सबसे पहले उन्होंने गेम लगाई, जिसके बाद तसल्ली हुई है।
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