शहर के पहले मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर का आज उद्घाटन करेंगे प्रशासक

पहला मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर (एमआरएफ) शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर कमिश्नर केके यादव और मेयर रविकांत शर्मा की मौजूदगी इसका उद्घाटन करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 06:29 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 06:29 PM (IST)
शहर के पहले मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर का आज उद्घाटन करेंगे प्रशासक
शहर के पहले मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर का आज उद्घाटन करेंगे प्रशासक

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

पहला मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर (एमआरएफ) शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर कमिश्नर केके यादव और मेयर रविकांत शर्मा की मौजूदगी इसका उद्घाटन करेंगे। औद्योगिक क्षेत्र के 3बीआरडी के एसटीपी प्लांट में यह सेंटर बनाया गया है। यहां पर 150 गाडि़यां कचरा लेकर जाएंगी। जबकि जुलाई माह में डड्डूमाजरा का एमआरएफ तैयार हो जाएगा।इन सेंटर के बनने से स्वच्छता सर्वेक्षण में भी अंक मिलेंगे।

कमिश्नर के अनुसार घर-घर से कचरा उठाने वाली गाड़ियां तीन एमआरएफ पर कचरा लेकर जाएंगी। इन तीन हिस्सों को छह जोन में बांटा गया है। तीनों एमआरएफ में 150 से 200 गाडिय़ां कचरा लेकर जाएंगी। अभी तक यह गाडिय़ां सीधे डंपिग ग्राउंड या गारबेज प्लांट में ही जाती है। एमआरएफ बनने के बाद वाहनों को पूरे शहर का चक्कर नहीं जाना पड़ेगा। यहां पर ही सूखा और गीले कचरे का सेग्रीगेशन हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 32 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।कचरा संग्रहण केंद्र में शहर भर से गाडिय़ां कचरा लेकर आएंगी। जहां मशीन के पट्टे पर गिला, सूखा कचरा अलग-अलग डाल दिया जाएगा। गीला कचरा वैसे के वैसा ही पट्टे के माध्यम से आगे जाएगा। जहां मशीन से दबाव डालकर कचरा पूरी तरह सूखा दिया जाएगा। उसके बाद कचरा टैंकरनुमा कैप्सूल में चला जायेगा। वहीं सूखा कचरा पहले पीछे की ओर जाएगा। वहां उपयोग होने वाले सामान अथवा कबाड़ को अलग कर लिया जाएगा। जो बाद में बेचा जा सकेगा। यह कचरा फिर से अलग-अलग हो जाएगा। उसके बाद टैंकर में भेजा जाएगा। बड़ी गाडि़यों के माध्यम से इन कैप्सूल को कचरा निस्तारण प्लांट में भेजा जाएगा। जहां पर कचरे का निस्तारण होगा।तीनों एमआरएफ बनने के बाद गाडिय़ों की जोन के हिसाब से सूची तैयार होगी। एमआरएफ के नजदीक वाले क्षेत्रों की गाडि़यां वहां जाकर कचरा डालेंगी। घर-घर से कचरा उठाने वाले जो कर्मचारी गाडि़यों पर नहीं लग पाए हैं, उन्हें एमआरएफ में लगाया जाएगा। जो कचरा अलग-अलग करने का काम करेंगे। जुलाई तक स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत स्काडा सिस्टम भी शुरू हो जाएगा। इसमें गाडि़यों की लोकेशन के साथ ही कितना कचरा उठा यह भी पता चल जाएगा।

chat bot
आपका साथी