प्रशासक साहब ! सीएचबी के मकानों में जरूरत के अनुसार किए बदलाव किए जाएं नियमित

फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ (फासवेक) का एक शिष्टमंडल यूटी प्रशासक और पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित से मिला और उन्हें शहर की प्रमुख समस्याओं के बारे में अवगत कराया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 11:30 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 11:30 PM (IST)
प्रशासक साहब ! सीएचबी के मकानों में जरूरत के अनुसार किए बदलाव किए जाएं नियमित
प्रशासक साहब ! सीएचबी के मकानों में जरूरत के अनुसार किए बदलाव किए जाएं नियमित

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ (फासवेक) का एक शिष्टमंडल यूटी प्रशासक और पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित से मिला और उन्हें शहर की प्रमुख समस्याओं के बारे में अवगत कराया। फासवेक के चेयरमैन बलजिदर सिंह बिट्टू ने कहा कि चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड के मकानों में रहने वाले 60 हजार से अधिक परिवार हर समय डर के साए में जीते हैं कि कब हाउसिग बोर्ड के कर्मचारी उनका मकान तोड़ने के लिए आ जाएं। उन्होंने कहा कि अगर लोगों द्वारा आवश्यकतानुसार किए बदलावों से इमारत की स्थिरता पर असर नहीं पड़ता और न ही सरकारी जमीन पर कोई अतिक्रमण है तो ऐसे बदलावों को लोगों से एक-मुश्त मामूली धनराशि लेकर नियमित किया जाना चाहिए क्योंकि समय के अनुसार लोगों के परिवार बढ़े हैं और उस हिसाब से उनकी जरूरतें भी बढ़ी हैं। लोगों को मकानों की चारदीवारी के अंदर किए मामूली बदलावों के लिए नोटिस भेजकर अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाना चाहिए। हाउसिग बोर्ड के मकानों को लीज-होल्ड से फ्री-होल्ड करने के नाम पर अलॉटिज से वर्तमान कलेक्टर रेट के हिसाब से राशि वसूल करता है जो सरासर गलत है और अलॉटमेंट मूल्य पर ही मूल्यांकन करके मकानों को फ्री-होल्ड किया जाना चाहिए।

30 फीसद सीवरेज सेस चार्ज करना नाजायज

फासवेक के महासचिव जेएस गोगिया ने कहा कि चाहे चंडीगढ़ के सौंदर्यीकरण की बात हो या सड़कों के रख-रखाव की या घरों से कूड़ा एकत्रित करने की या पेड पार्किंग की, नगर निगम की कार्यशैली से शहर की हालत बद से बदतर होती जा रही है। पानी की तीन गुना तक बढ़ाई दरें और उस पर लगाए जाने वाला 30 फीसद सीवरेज सेस भी पूरी तरह से नाजायज हैं।

प्रशासक करे डंपिग ग्राउड का निरीक्षण

फासवेक के मुख्य प्रवक्ता और सेक्टर-38 वेस्ट की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि डड्डूमाजरा स्थित डंपिग ग्राउंड से प्रदूषण और बदबू के कारण आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग न केवल नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं बल्कि गंभीर बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं। लोगों के जीने के मौलिक अधिकार को देखते हुए डंपिग ग्राउंड और गारबेज प्रोसेसिग प्लांट को यहां से हटाकर आबादी से कहीं दूर शिफ्ट किया जाना चाहिए। मरे हुए जानवरों के निष्पादन प्लांट को भी सेक्टर-25 में न लगाकर कहीं और लगाया जाना चाहिए। वास्तविक स्थिति को जानने के लिए वह स्वयं डंपिग ग्राउंड और गार्बेज प्रोसेसिग प्लांट का औचक निरीक्षण करें।

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