कृ‍षि विधेयक के विरोध में आढ़ती भी कूदे किसानों के संघर्ष में, पंजाब बंद को दिया समर्थन

पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानो के आंदाेलन में अब आढ़ती भी कूद पड़े हैं। पंजाब के आढतियों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया है। आढ़तियों के संगठन ने पंजाब बंद को समर्थन दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 08:57 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 08:57 AM (IST)
कृ‍षि विधेयक के विरोध में आढ़ती भी कूदे किसानों के संघर्ष में, पंजाब बंद को दिया समर्थन
पंजाब के किसानों के आंदोलन को आढतियों ने भी समर्थन दिया है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों की ओर से किए जा रहे संघर्ष को राजनीतिक दलों के बाद अब राज्य के आढ़ती भी समर्थन करेंगे। किसानों के 25 सितंबर के पंजाब बंद के आह्वान पर शहरों में इस सफल बनाने की कमान आढ़तियों ने संभाल ली है। हालाकि राज्य के 30 किसान संगठनों की तरह आढ़तियों के दोनों संगठन एक साथ तो नहीं आए, परंतु दोनों ने किसानों के संघर्ष में शामिल होने का एलान कर दिया है।

राज्य के दोनों आढ़ती संगठनों ने दिया किसान संगठनों के संघर्ष को समर्थन

आढ़तियों का कहना है कि कृषि विधेयकों का सबसे ज्यादा बुरा असर आढ़ती वर्ग पर पड़ेगा। इन विधेयकों में यह प्रावधान किया गया है कि अब किसानों से फसल की सीधी खरीद मंडियों के बाहर भी की जा सकती है और उस पर कोई भी टैक्स या कमीशन नहीं लिया जाएगा।

पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान विजय कालरा ने कहा कि केंद्र सरकार बड़ी मुश्किल से बनाए गए सारे सिस्टम को तबाह करने पर तुली हुई है। आढ़तियों व किसानों को रिश्ता बहुत पुराना है। किसान, आढ़तियों पर बैंकों से ज्यादा भरोसा करते हैं। हमारी एसोसिएशन ने राज्य के सभी व्यापार मंडलों, करियाना मर्चेंट और कपड़ा व्यापारियों की एसोसिएशनों से संपर्क कर लिया है और वह सभी पंजाब बंद में शामिल होंगे।

कहा, खेती विधेयकों का सबसे ज्यादा बुरा असर आढ़तियों पर पड़ेगा

वहीं, आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान और मंडी बोर्ड के पूर्व उप चेयरमैन रविंदर चीमा ने कहा कि तीन विधेयकों में से दो पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन फसल की खरीद मंडियों से बाहर किए जाने का शुरू से ही विरोध किया जा रहा है। भंडारण वाले विधेयक को लेकर हमें कोई ऐतराज नहीं है। 25 सितंबर को पंजाब बंद में एसोसिएशन पूरी तरह से शामिल होगी। गौरतलब है कि चीमा ग्रुप शिरोमणि अकाली दल से संबंधित है। जब अकाली दल इन विधेयकों का समर्थन कर रहा था तब र¨वदर चीमा भी इसके समर्थन में थे। लेकिन अकाली दल ने जब विरोध शुरू किया तो उनकी एसोसिएशन भी अब इसके विरोध में उतर आई है।

राज्य में 29530 आढ़ती कर रहे हैं काम

पंजाब में मंडी सिस्टम लंबे समय से बहुत मजबूत स्थिति में है। राज्य में अनाज व फल सब्जियों की खरीद के लिए 29530 आढ़ती काम करते हैं। इनके साथ 10 लाख मजदूर भी जुड़े हुए हैं। किसानों से अनाज लेने, सफाई करवाने, फसल की बोली, भराई और ढुलाई करवाकर भंडारण करवाने का काम आड़ती करते हैं। जिसके बदले उन्हें 2.5 फीसद कमीशन मिलती है। राज्य के लगभग हर किसान ने आढ़तियों से कर्ज लिया हुआ है। हालांकि इसका कोई रिकार्ड नहीं है कि यह कर्ज कितना है।

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