मनीष कुमार ने एडीसी के फर्जी हस्ताक्षरों से तैयार की थी एसीआर

हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचएसआरएलएम) के बर्खास्त जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। मनीष कुमार ने पंचकूला की तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त और पूर्व जिला मिशन निदेशक मनीता मलिक के फर्जी हस्ताक्षर करके अपनी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) तैयार कर ली थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 11:40 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 11:40 PM (IST)
मनीष कुमार ने एडीसी के फर्जी हस्ताक्षरों से तैयार की थी एसीआर
मनीष कुमार ने एडीसी के फर्जी हस्ताक्षरों से तैयार की थी एसीआर

राजेश मलकानियां, पंचकूला

हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचएसआरएलएम) के बर्खास्त जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। मनीष कुमार ने पंचकूला की तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त और पूर्व जिला मिशन निदेशक मनीता मलिक के फर्जी हस्ताक्षर करके अपनी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) तैयार कर ली थी। एसीआर को राज्य मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेज कर एक्सटेंशन लेने की कोशिश की थी। इसका खुलासा तब हुआ जब सीइओ द्वारा मनीता मलिक से एसीआर के बारे में जानकारी मांगी गई। मलिक ने स्पष्ट तौर पर एसीआर पर हस्ताक्षर करने से इंकार किया था।

शक होने पर एडीसी से मांगा था जबाव

जिला मिशन के वित्तीय अनियमितताओं में फंसे मनीष कुमार को मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. अमरेंदर कौर ने 12 जुलाई 2021 को बर्खास्त कर दिया गया था। जांच के दौरान मिशन के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरदीप सिंह के पास मनीष कुमार की एसीआर पहुंची थी। मनीष कुमार की एसीआर देखने के बाद हरदीप सिंह को कुछ शक हुआ था। दरअसल सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर उनकी प्रमोशन होती है। इसी कड़ी में मनीष कुमार की वर्ष 2020 की एसीआर 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक सीईओ के पास पहुंची थी। एसीआर में मनीष कुमार के काम को शानदार बताया गया था। जिसे जिला मिशन निदेशक-एडीसी पंचकूला मनीता मलिक द्वारा वेरीफाई किया गया था। पूर्व सीईओ हरदीप सिंह के पास मनीष के कामों के बारे में जानकारी थी, जिसके चलते उन्होंने एक पत्र के माध्यम से मनीता मलिक से एसीआर पर किए गए हस्ताक्षरों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया। मनिता मलिक द्वारा लिखित जवाब भेजा गया, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार की किसी भी एसीआर पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।

पूरे साल की लिख दी थी एसीआर

यह एसीआर 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक थी, जबकि 16 सितंबर 2020 को मिशन निदेशक का कार्यभार जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास चला गया था। 16 सितंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक एसीआर जिला परिषद की सीईओ द्वारा लिखी जानी थी, लेकिन उसके बावजूद पूरे वर्ष की एसीआर पर एडीसी मनीता मलिक के हस्ताक्षर करके एसीआर को राज्य सीईओ के पास भेजा गया।

बैंक से वापिस लिए हस्ताक्षर

मनीष कुमार द्वारा वित्तीय अनियमितताएं करने की जानकारी जब जिला परिषद पंचकूला की मुख्य कार्यकारी अधिकारी-जिला मिशन निदेशक निशू सिगल को मिली थी, तो उन्होंने भी तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए मनीष कुमार के बैंक में दिए गए हस्ताक्षर को रद्द कर दिया था। मनीष कुमार के किसी भी प्रकार की ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी थी। इससे पहले मनीष कुमार द्वारा कई ट्रांसजेक्शन अपने हस्ताक्षरों से की गई थी।

मांगा था स्पष्टीकरण

19 मई 2021 को मिशन की राज्य मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. अमरेंद्र कौर द्वारा पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि मनीष कुमार द्वारा जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर एक्सटेंशन लेने के लिए जिला मिशन निदेशक एवं एडीसी के फर्जी हस्ताक्षर करके गुमराह करने की कोशिश की गई है, जिसके बाद मनीष कुमार कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और उन्हें 12 जुलाई को विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था।

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