माेहाली में महिला को अश्लील मैसेज व वीडियो भेजने वाला आरोपित चढ़ा पुलिस के हत्थे

पुलिस ने मामले की जांच के बाद पहले उक्त व्यक्ति के मोबाइल नंबर को ट्रेस किया जोकि बलोंगी क्षेत्र में चल रहा था। पुलिस ने उक्त मोबाइल वाले जिसका नाम सतीश है को गिरफ्तार कर उससे उक्त मोबाइल बरामद कर लिया जिससे वह मैसेज व वीडियो भेजता था।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 09:39 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 09:39 AM (IST)
माेहाली में महिला को अश्लील मैसेज व वीडियो भेजने वाला आरोपित चढ़ा पुलिस के हत्थे
महिला को अश्लील मैसेज भेजने का अाराेपित गिरफ्तार (फाइल फाेटाे)

मोहाली, जेएनएन। थाना फेज-1 की पुलिस ने एक महिला को अश्लील मैसेज व वीडियो भेजने के अलावा उसे जान से मारने की धमकी देने वाले युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान सतीश निवासी जुझार नगर थाना बलोंगी के रूप में हुई है। 

एसएचओ मनफूल सिंह ने बताया कि मामले से संबंधित महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसको कई महीनों से एक मोबाइल से कोई व्यक्ति गंदे मैसेज व वीडियो भेज रहा है। उक्त मोबाइल नंबर से फोन करने वाला व्यक्ति उसके साथ जबरदस्ती शरीर संबंध बनाने के बारे में धमकाता आ रहा है और बात न मानने की सूरत में उसके बच्चे को अगवा करने की धमकी दे रहा था।

पुलिस ने मामले की जांच के बाद पहले उक्त व्यक्ति के मोबाइल नंबर को ट्रेस किया जोकि बलोंगी क्षेत्र में चल रहा था। पुलिस ने उक्त मोबाइल वाले जिसका नाम सतीश है को गिरफ्तार कर उससे उक्त मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया जिससे वह गंदे मैसेज व वीडियो भेजता था। उधर पीडि़ता का कहना है कि इस मामले में एक और आरोपित भी है जिस द्वारा सतीश को उसका नंबर व उसकी सारी जानकारी मुहैया करवाई गई थी। पीडि़त ने दूसरे आरोपित को भी जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। 

जेपी कंपनी अब 21 अक्टूबर को पेश करेगी सुबूत 
चंडीगढ़। डड्डूमाजरा स्थित गारबेज प्लांट को लेकर अब जेपी कंपनी अदालत में 21 अक्टूबर को सुबूत पेश करेगी। मंगलवार को कोरोना महामारी की वजह से सुबूत पेश नहीं हो सके। इस पर अदालत ने अब 21 अक्टूबर की तिथि तय कर दी है। कंपनी का कहना है कि निगम ने कोर्ट से मिले स्टे ऑर्डर के बाद भी गारबेज प्लांट से कब्जा नहीं छोड़ा। वहीं निगम का कहना है कि उन्हें स्टे ऑर्डर कब्जे किए जाने वाले दिन नहीं मिला, बल्कि उससे अगले दिन यानी 20 जून, 2020 को मिला था।

निगम ने दावा किया था कि कंपनी ने उन्हें स्टे ऑर्डर वॉट्सएप पर भेजा था, जबकि वह प्लांट पर 19 जून की शाम को ही कब्जा ले चुके थे। इसके साथ ही कंपनी ने उन्हें ऑफिशियल तौर पर स्टे ऑर्डर नहीं भेजा।  इसके साथ ही कंपनी सुबूत देगी कि किस तरह निगम ने 19 जून को कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए गारबेज प्लांट पर जबरन कब्जा किया था। 

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