आकांक्ष सेन मर्डर केस: जेल में बंद आरोपित हरमेहताब ने वापस ली जमानत याचिका

आकांक्ष सेन मर्डर मामले में जेल में बंद आरोपित हरमेहताब ने अपनी जमानत याचिका को वापस ले लिया है। मामले की अगली सुनवाई 3 जून को होनी है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 09:12 AM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 12:50 PM (IST)
आकांक्ष सेन मर्डर केस: जेल में बंद आरोपित हरमेहताब ने वापस ली जमानत याचिका
आकांक्ष सेन मर्डर केस: जेल में बंद आरोपित हरमेहताब ने वापस ली जमानत याचिका

जेएनएन, चंडीगढ़। आकांक्ष सेन मर्डर मामले में जेल में बंद आरोपित हरमेहताब ने अपनी जमानत याचिका को वापस ले लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आकांक्ष सेन पक्ष की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत में मामले के गवाहों के फोन रिकॉर्ड पेश करने के लिए याचिका दायर की थी। तीन गवाहों में से एक का मोबाइल नंबर आरोपित हरमेहताब को दिखाया, जिसने उस नंबर को पहचान लिया। इससे यह साबित हो गया कि वारदात के समय गवाह वहां पर मौजूद था, क्योंकि गवाह जब आकांक्ष को अस्पताल में लेकर गया था, तो वहां पर आकांक्ष को एडमिट करते हुए अपना मोबाइल नंबर दिया था।

इसके साथ ही उसने कहा था कि वारदात के समय वह वहां पर मौजूद था। लेकिन इसके बाद जैसे ही आकांक्ष के वकील ने अपने मोबाइल फोन के रिकॉर्ड वाली याचिका को वापस लिया, तभी हरमेहताब के वकील ने भी आरोपित की जमानत याचिका को वापस ले लिया। मिली जानकारी के मुताबिक याचिका को इस वजह से भी वापस लिया गया है, क्योंकि मामले की अगली सुनवाई 3 जून को होनी है और तब मामले की आखिरी बहस होनी है। जिसके बाद केस का फैसला भी आ सकता है।

दो साल पहले ली थी जान

दर्ज मामले के मुताबिक, 9 फरवरी, 2017 की रात को सेक्टर-9 में रहने वाले आकांक्ष के दोस्त दीप सिद्धू ने पार्टी रखी थी। यहां आकांक्ष के साथ उसका दोस्त शेरा भी आया था। दूसरी ओर दीप ने बलराज और हरमेहताब को बुला रखा था। शेरा का बलराज और हरमेहताब के साथ पुराना झगड़ा था। हाउस पार्टी में उनका विवाद गरमा गया। बलराज और शेरा में मारपीट हो गई। आकांक्ष इन्हें छुड़ाकर चला गया था। बाद में शेरा को लेने आया, तो बलराज ने उस पर गाड़ी चढ़ा दी थी। हरमेहताब ने ही बलराज को आकांक्ष पर गाड़ी चढ़ाने के लिए उकसाया था। बलराज ने पहले आकांक्ष को गाड़ी से टक्कर मारी। आकांक्ष की मौत हुई थी। पुलिस ने इस मामले में हरमेहताब को तो 16 फरवरी, 2017 को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन दूसरी आरोपित बलराज को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है और कोर्ट उसे 5 अप्रैल, 2017 को ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है।

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