चंडीगढ़ पुलिस कर्मियों पर भारी रहा सितंबर, सड़क हादसों में लेडी कांस्टेबल सहित चार जवान घायल, दो अभी भी उपचाराधीन

सितंबर में शहर में कई सड़क हादसे हुए हैं। इन सड़क हादसों में सबसे ज्यादा नुकसान पुलिस विभाग के कर्मचारियों को झेलना पड़ा है। सितंबर में हुए हादसों में महिला पुलिस कर्मचारी समेत चार पुलिस जवान घायल हुए हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 11:47 AM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 11:47 AM (IST)
चंडीगढ़ पुलिस कर्मियों पर भारी रहा सितंबर, सड़क हादसों में लेडी कांस्टेबल सहित चार जवान घायल, दो अभी भी उपचाराधीन
हादसे में घायल दो कांस्टेबलों के सिर पर चोट लगने से पीजीआइ में उनका इलाज चल रहा है।

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़। चंडीगढ़ पुलिस विभाग (Chandigarh Police Department) पर सितंबर का महीना काफी भारी रहा। इसकी मुख्य वजह अलग-अलग सड़क हादसों में विभाग के कई जवान घायल हुए हैं। शहर में सितंबर में हुए सड़क हादसों में एक महिला कांस्टेबल, एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, ट्रैफिक कांस्टेबल हर्ष और थाने में तैनात कांस्टेबल दीपक घायल हुआ है। महिला कांस्टेबल पुपिता के दोनों पैर में फ्रैक्चर होने से दो बार आपरेशन पीजीआइ चंडीगढ़ में डॉक्टरों स्पेशल पैनल कर चुका है। घायल दोनों कांस्टेबलों के सिर में गंभीर चोट होने से पीजीआइ में उपचाराधीन हैं।

6 सिंतबर को मध्यमार्ग पर आरबीआइ के कैश लेकर जा रहे दो ट्रकों में हुई आपकी टक्कर में एक महिला कांस्टेबल घायल हो गई थी। लेडी कांस्टेबल करीब दो घंटे तक क्षतिग्रस्त हुए एक ट्रक के केबिन में फंसी रही। इस हादसे में महिला कांस्टेबल पुपिता का पैर फ्रैक्चर हुआ था।

एएसआइ को टक्कर मारने वाले की अभी तक तलाश

सेक्टर-17/9 के मटका चौक एएसआइ हरमेश ने बताया कि वह डीजीपी प्रवीर रंजन के आफिस में तैनात है। वह डाक पहुंचने का काम करता है। वह डाक लेकर जा रहा था, तभी मटका चौक पर आरोपित कार चालक ने उसे टक्कर मार दी। हादसे के बाद आरोपित इतनी तेजी से भागा कि उसकी गाड़ी का नंबर भी नोट नहीं हो पाया। अब पुलिस सीसीटीवी कैमरे की मदद से आरोपित की तलाश करने में लगी है।

आन द स्पॉट ट्रीटमेंट की मिला ट्रेनिंग

इसी के तहत सितंबर माह में ही शहर में सड़क हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने, मौके पर मदद करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस हमेशा तत्पर रहती है। ऐसे में अब चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ऑन द स्पॉट इलाज की सुविधा भी देगी। ऐसे में अगर सड़क हादसे में कोई इंसान घायल होता है तो उसे मौके पर ही फर्स्ट एड यानी उसका प्राथमिक उपचार किया जाएगा। यदि उसकी हालत गंभीर है तो घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाएगा।

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