शिक्षाविद बोले- परीक्षा पर पंजाब सरकार के रुख से विद्यार्थियों को मिलेगी राहत
पंजाब सरकार ने केंद्र व यूजीसी से राज्य में परीक्षा करवाने में असमर्थता जताई है। राज्य सरकार के इस फैसले का शिक्षाविदों ने स्वागत किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने केंद्र व यूजीसी से राज्य में परीक्षा करवाने में असमर्थता जताई है। राज्य सरकार के इस फैसले का शिक्षाविदों ने स्वागत किया है। शिक्षाविद सतनाम सिंह संधू, मंजीत सिंह, अंशु कटारिया व अन्य ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के यूजीसी को पंजाब में एग्जाम करवाने पर असमर्थता जताते हुए उसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील का स्वागत किया।
उन्होंने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह कदम राज्य के विद्यार्थियों के लिए तो लाभदायक है। यही नहीं बाहरी राज्यों से आकर यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी सरकार के इस कदम से लाभ मिलेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह बार-बार कह रहे हैं कि कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के कारण अभी परीक्षा कराने का अनुकूूूल समय नहीं है। ऑनलाइन एग्जाम भी संभव नहीं है।
बता दें, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और उड़ीसा राज्यों ने भी कोरोना महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालय व कॉलेजों में किसी भी तरह की परीक्षा न कराने की घोषणा की है। शिक्षाविदों ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सबसे पहले कर्फ्यू का ऐलान किया था जिसकी वजह से ही पंजाब के हालात काबू में रह पाए हैं।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी की तरफ से भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस फैसले का यूजीसी को दोबारा विचार करने की अपील का हार्दिक स्वागत किया है। कमेटी के साथ-साथ चरणजीत सिंह वालिया, डॉ. गुरमीत सिंह धालीवाल, एस जगजीत सिंह, एस राजिंदर धनोआ, जैसनिक सिंह, निर्मल सिंह, शिमांशु गुप्ता, सुखमंदर सिंह चट्ठा ने कहा कि कैप्टन के रुख से न केवल 1600 कॉलेजों और दर्जनों विश्वविद्यालयों को बल्कि अन्य राज्यों के यहां पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को भी राहत मिलेगी, क्योंकि कोरोना के कारण परीक्षा में उपस्थित होना बहुत कठिन था। एससी वर्ग के वे छात्र जिनके पास ऑनलाइन परीक्षा में उपस्थित होने के लिए लैपटॉप, इंटरनेट, स्मार्ट फोन सहित ऐसी कोई ऑनलाइन सुविधा नहीं है इस निर्णय से खुश हैं।