मेयर रविकांत पर आप चंडीगढ़ ने साधा निशाना, कहा- ऐसा पहली बार हुआ कि पब्लिक से डर रहे Mayor

चंडीगढ़ के मेयर रविवकांत शर्मा पर इन दिनों विरोधी दल हमलावर हैं। आप चंडीगढ़ का आरोप है कि मेयर के कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिस बल से ऐसा लग रहा है कि मेयर शहर के लोगों से डरे हुए हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:39 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:39 AM (IST)
मेयर रविकांत पर आप चंडीगढ़ ने साधा निशाना, कहा- ऐसा पहली बार हुआ कि पब्लिक से डर रहे Mayor
चंडीगढ़ नगर निगम मेयर रविकांत शर्मा। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के मेयर के लिए शहर में भारी सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। शहर में जहां कहीं भी उनका कोई कार्यक्रम होता है तो वहां भारी पुलिस बल तैनात रहता है। दरअसल ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में चंडीगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन और मेयर रविकांत शर्मा के काफिले पर किसान समर्थकों ने हमला कर दिया था। ऐसे में अब मेयर रविवकांत शर्मा जहां कहीं भी कार्यक्रम के लिए जाते हैं, वहां पहले ही सुरक्षा के नजरिये से पुलिस बल तैनात कर दिया जाता है। 

ऐसे में विरोधी दल इस बात को लेकर मेयर पर हमलावर हैं। चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी नेता चंद्रमुखी शर्मा ने कहा कि अगर भाजपा आम जनता को निशाना बनाए बिना चंडीगढ़ पर शासन नहीं कर सकती है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। पुलिस लोगों को घरों में कैसे बंद कर सकती है। क्या होगा अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी हो, तो कौन जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने घरों में प्रवेश करने के लिए आइडी क्यों दिखानी पड़ रही है। 

उन्होंने कहा कि सेक्टर-48 में एक जलापूर्ति लाइन का उद्घाटन कर रहे भाजपा मेयर रविकांत के कारण से लोगों को घर से बाहर क्यों नहीं जाने दिया गया। उद्घाटन स्थल से 300 मीटर की दूरी पर रहने वाले यूनिवर्सल सोसायटी के निवासियों को भी अपनी सोसायटी से बाहर निकलने से रोक दिया गया था। आप के चुनाव प्रभारी चंद्रमुखी शर्मा ने कहा कि आप चंडीगढ़ सेक्टर 48 सोसायटी के आम नागरिकों को परेशान करने वाली भाजपा की शर्मनाक कार्रवाई की निंदा करती है। यह विडंबना है कि एक ओर भाजपा आम लोगों के लाभ के लिए सिविल कार्यों का उद्घाटन कर रही है, लेकिन साथ ही, वे उसी नागरिक समाज की संवैधानिक रूप से मिली हुई स्वतंत्रता को बाधित कर रहे हैं।

उन्हाेंने कहा कि भारत के संविधान तहत किसी व्यक्ति की आवाजाही की स्वतंत्रता पर कोई प्रतिबंध उचित प्रकृति का होना चाहिए और यहां स्पष्ट रूप से यहां ऐसा नहीं है। क्या स्थानीय पुलिस के पास अपना समय, ऊर्जा और संसाधन बर्बाद करने के बजाय सार्वजनिक सड़कों के लंबे हिस्सों पर बैरिकेडिंग करने और लोगों को परेशान करने के लिए कानून प्रवर्तन कार्यों में भाग लेने के लिए अधिक दबाव नहीं है। एक मेयर को शहर का पहला नागरिक माना जाता है, लेकिन यह पहली बार है जब हम एक मेयर के बारे में सुन रहे हैं जो अपने ही नागरिकों से डरता है। शर्मा ने कहा। भाजपा नेता अपने स्थानीय निवासियों के लिए बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

chat bot
आपका साथी