AAP चंडीगढ़ की प्रदेश कार्यकारिणी गठित, कांग्रेस छोड़कर आप में गए 35 फीसद से ज्यादा नेताओं को मिली जगह
आप चंडीगढ़ ने नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। पूर्व में मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल चुके नीतिन गोयल को प्रदेश का महासचिव बनाया गया है। प्रदेश कार्यकारिणी का गठन के बाद अब आप चुनाव के लिए उम्मीदवार का नाम तय करने की तैयारियों में जुट गई है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (AAP Chandigarh) ने नगर निगम चुनाव से पहले नए सिरे से प्रदेश कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। इसमें 59 पदाधिकारियों की घोषणा रविवार को पार्टी प्रभारी जरनैल सिंह की मंजूरी के बाद की गई है। पार्टी की नई कार्यकारिणी में 35 फीसद से ज्यादा वह नेता हैं जो कि कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं। आप की कार्यकारिणी में अधिकतर प्रदीप छाबड़ा के करीबियों को जगह मिली है। जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन भी अपने समर्थकों का नाम डलवाने में कामयाब रहे हैं।
यहां तक कि देवेंद्र सिंह औलख (कोका) भी भाजपा छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन और चुनाव प्रभारी चंद्रमुखी शर्मा ने औलख को आप में शामिल करवाया है। यह हरमोहन धवन के करीबी हैं, उन्हें पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। आप संयोजक प्रेम गर्ग भी अपने समर्थकों को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल करवा पाए हैं, जबकि कुछ नेताओं का प्रदर्शन अच्छा न होने के कारण नाम कटे भी है। जो कि पिछले प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल थे।
यह बनाए गए हैं उपाध्यक्ष।
पूर्व में मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल चुके नीतिन गोयल को प्रदेश का महासचिव बनाया गया है। प्रदेश कार्यकारिणी का गठन के बाद अब आप चुनाव के लिए उम्मीदवार का नाम तय करने की तैयारियों में जुट गई है। मालूम हो कि आम आदमी पार्टी इस समय कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं से ही मजबूत हो रही है। जबकि अगले दिनों और नेताओं के संपर्क में भी आप के सह प्रभारी प्रदीप छाबड़ा है। इसके साथ ही आप ने ग्रामीण कमेटी का अलग से गठन किया है।
यह बनाए गए हैं महासचिव।
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"आम आदमी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हो चुका है। इसमें मेहनती और काम करने वाले नेताओं को जगह मिली है। कई उनके पुरानी साथी हैं। इस समय आप की सक्रियता से कांग्रेस और भाजपा नेता घबरा गए हैं।
-प्रदीप छाबड़ा, सह प्रभारी, आप
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"आम आदमी पार्टी का अपना कोई जनाधार नहीं है। आप की कार्यकारिणी में कांग्रेस छोड़कर गए अधिकतर नेता शामिल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप को कांग्रेस से ही उम्मीद है, लेकिन शहरवासियों को भी पता है कि जो नेता आप में गए हैं उनका कोई जनाधार नहीं है।
-सतीश कैंथ, प्रवक्ता, कांग्रेस
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"कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों एक सामान हैं। दोनों दल एक साथ मिलकर भी चुनाव लड़ ले तब भी भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकते। भाजपा का संगठन दूसरे दलों के मुकाबले में काफी मजबूत है। इस बार भाजपा सभी 35 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
-कैलाश चंद जैन, प्रवक्ता, भाजपा