प्रदेश में सड़कों पर 50 हजार गोवंश, गौशालाओं में पहुंचाए जाएंगे : श्रवण गर्ग

गोवंश की सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स बनाए जाने पर हरियाणा गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:55 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:55 PM (IST)
प्रदेश में सड़कों पर 50 हजार गोवंश, गौशालाओं में पहुंचाए जाएंगे : श्रवण गर्ग
प्रदेश में सड़कों पर 50 हजार गोवंश, गौशालाओं में पहुंचाए जाएंगे : श्रवण गर्ग

जागरण संवाददाता, पंचकूला : गोवंश की सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स बनाए जाने पर हरियाणा गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स के गठन से प्रदेश के हजारों लाखों गो भक्तों, गो रक्षकों, गो सेवकों में खुशी का माहौल है। उन्होंने बताया कि इससे गोवंश के प्रति किसी भी अनैतिक गतिविधियों जैसे की गोकशी, गो तस्करी, गो मांस बिक्री इत्यादि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने का मार्ग प्रशस्त होगा। यद्यपि गाय के प्रति माननीय मुख्यमंत्री ने आरंभ में ही हरियाणा गो संरक्षण एवं गो संवर्धन एक्ट 2015 पारित किया था, जिसके अंतर्गत गोवंश को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की गई और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़े दंड का प्रविधान किया गया। प्रदेश में लगभग 50 हजार गोवंश सड़कों पर हैं, जिन्हें गोशालाओं में पहुंचाने के लिये प्रयास जारी हैं।

प्रदेश में बेसहारा गोवंश को गोशालाओं एवं नंदी शालाओं में आश्रय दिया जाता है तथा पिछले पांच वर्ष की अवधि में प्रदेश की गोशालाओं में राज्य सरकार ने लगभग 100 करोड की अनुदान राशि विभिन्न मदों में दी जा चुकी है, जिससे गोशालाओं में आश्रय पाने वाले गोवंश के लिए बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास के साथ चारे पानी आदि की व्यवस्था की जा सके।

हरियाणा गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाए जाने के उद्देश्य से आयोग ने श्री कामधेनु गोशाला सेवा सदन पिजौर (पंचकूला) में गोवंश अनुसंधान केंद्र की स्थापना हाल ही में की गई है। जहां जैविक खाद, गोबर से बनी ईटें, गोमूत्र से बनी गोनाइल, धूप, अगरबत्ती एवं गोमूत्र अर्क का उत्पादन आरंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी उत्पादों के मानक लैब टेस्ट के आधार पर सुनिश्चित करवाए जा रहे हैं, ताकि उन्हीं मान्यता प्राप्त मानकों एवं मापदंडों को अपनाते हुए प्रदेश की विभिन्न गोशालाओं में विभिन्न उत्पाद तैयार किए जा सकें तथा बाजार में उनकी बिक्री में भी कोई कठिनाई न हो। यद्यपि यह प्रसन्नता का विषय है कि अब तक गोनाइल जिसका उत्पादन अप्रूव्ड मानदंडों के आधार पर हो रहा है। इस अवसर पर गो सेवा आयोग के सचिव डा. चिरंजन, गो सेवा आयोग के चेयरमैन के सलाहकार ओमप्रकाश गुप्ता, सतीश मंगला भी उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी