एमसीएम कॉलेज चंडीगढ़ की प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में 471 प्रतिभागियों ने लिया भाग

मेहर चंद महाजन (एमसीएम) डीएवी कॉलेज फॉर वुमेन सेक्टर-36 के एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) क्लब ने एक राष्ट्रीय स्तर के ऑनलाइन प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में देश के 23 राज्यों के 471 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Wed, 06 Jan 2021 05:44 PM (IST) Updated:Wed, 06 Jan 2021 05:44 PM (IST)
एमसीएम कॉलेज चंडीगढ़ की प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में 471 प्रतिभागियों ने लिया भाग
कॉलेज द्वारा राष्ट्रीय स्तर के ऑनलाइन प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में भाग लेती छात्रा।

चंडीगढ़, जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और नीतियों के पुनर्गठन के लिए किए गए विभिन्न उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वुमेन सेक्टर-36 के एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) क्लब ने एक राष्ट्रीय स्तर के ऑनलाइन प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया।

इसमें देशभर के 23 राज्यों से 471 प्रतिभागियों ने भाग लिया और आत्मनिर्भर भारत को लेकर और योजनाओं संबंधी विचार रखे। उल्लेखनीय है कि 12 मई 2020 को घोषित किए गए भारत सरकार के मिशन 'आत्मनिर्भर भारत' पर आधारित इस प्रश्नोत्तरी में इस मिशन के तहत विभिन्न परियोजनाओं, नीतियों, गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों के ज्ञान का परीक्षण किया गया।

यह बात प्रशंसनीय कि औद्योगिक विकास तथा राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार एवं इसके विभिन्न मंत्रालयों, वित्त, स्वास्थ्य एवं परिवार, शिक्षा, पर्यटन, विज्ञानं एवं प्रद्योगिकी इत्यादि द्वारा किए जा रहे उपायों और नीति-निर्णयों आदि के बारे में प्रतिभागियों को अच्छी जानकारी थी। भारत सरकार द्वारा की गई पहल 'लोकल फॉर वोकल' और 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' की लोकप्रियता भी इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाओं में परिलक्षित हुई।

कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने ईबीएसबी क्लब द्वारा किए गए शैक्षणिक प्रयास की सराहना करते हुए युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी से देश का आर्थिक विकास बाधित हुआ है एवं आत्मनिर्भर भारत देश के विकास के लिए जरूरी है और इसकी सफलता के लिए सभी को इसके बारे में जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी लगातार बढ़ रही है लेकिन रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। यदि आत्मनिर्भर भारत के तहत युवा खुद को तैयार करते हैं तो बेरोजगारी का अंत हो सकेगा और हम विश्व में महाशक्ति के रूप में स्थापित हो सकेंगे।

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