पिछले 15 दिन से हर रोज करीब 30 शवों का हो रहा संस्कार

शहर में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कारण अब शहर में प्रतिदिन 20 से 25 ऐसे शवों का संस्कार हो रहा है जिनकी मौत कोविड से हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:09 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:10 AM (IST)
पिछले 15 दिन से हर रोज करीब 30 शवों का हो रहा संस्कार
पिछले 15 दिन से हर रोज करीब 30 शवों का हो रहा संस्कार

जासं, चंडीगढ़ : शहर में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। बुधवार को कोविड से मरने वाले 32 लोगों का संस्कार हुआ है, जिनमें सेक्टर-25 में 18 और औद्योगिक क्षेत्र में नौ का संस्कार हुआ है। जबकि इलेक्ट्रिकल फर्नेस में पांच शवों का संस्कार हुआ है। इससे पूर्व मंगलवार को 33 शवों का संस्कार हुआ था।

चंडीगढ़ के श्मशान घाट में पीजीआइ, सेक्टर-16 और 32 के अस्पताल में ऐसे लोग जो रहने वाले दूसरे राज्यों के हैं लेकिन जिनकी मौत चंडीगढ़ में इलाज के दौरान हो रही है उनका संस्कार भी शहर के श्मशान घाट में हो रही है। ऐसे में कई बार शव के संस्कार के दौरान उनके परिजन भी मौजूद नहीं होते हैं। दोपहर चार बजे तक औद्योगिक क्षेत्र के श्मशान घाट में शवों का संस्कार हो रहा है। इस श्मशान घाट को कोविड से मरने वाले लोगों के शव के संस्कार के लिए फिक्स कर दिया गया है। जबकि चार बजे के बाद सेक्टर-25 के श्मशान घाट में कोरोना से मरने वाले लोगों के लकड़ी जलाकर शव का संस्कार किया जाता है। तादाद ज्यादा बढ़ने के कारण अब पंचकूला और मोहाली का जो रेजिडेंट्स कोरोना से मर रहा है उनके परिवार वालों को चंडीगढ़ में शव का संस्कार करने से मना किया जा रहा है। एक शव के संस्कार का 3100 रुपये का शुल्क लिया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र में बने श्मशान घाट में पूरा दिन कोविड से मरने वाले लोगों के शव के संस्कार के लिए मारामारी मची रहती है। 30 रुपये में इलेक्ट्रिकल फर्नेस से शव का संस्कार

सेक्टर-25 के श्मशान घाट में एलपीजी-सीएनजी बेस्ड क्रिमेशन फर्नेस है जहां पर मात्र 30 रुपये में एक शव का संस्कार किया जाता है, लेकिन इस फर्नेस में एक दिन में छह से ज्यादा शव का संस्कार नहीं हो सकता है। पर्यावरण में प्रदूषण न फैले इसके लिए यहां पर शव के संस्कार की फीस 30 रुपये चार्ज की जाती है। एलपीजी-सीएनजी बेस्ड क्रिमेशन फर्नेस की खासियत यह है कि इससे किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होगा और शव का संस्कार एक घंटे में हो जाएगा। जबकि प्रति शव पर नगर निगम का 1500 रुपये का खर्चा आता है। फर्नेस से संस्कार सुबह 9 बजे ही शुरू हो जाता है। एलपीजी-सीएनजी बेस्ड क्रिमेशन फर्नेस में एक शव के संस्कार में 18 किलो गैस का प्रयोग होता है। निश्शुल्क होना चाहिए कोविड से मरने वालों का संस्कार

शहर के जनप्रतिनिधियों की मांग है कि जिनकी कोविड संक्रमण से मौत हो रही है उनके शव का संस्कार निश्शुल्क होना चाहिए। नगर निगम और प्रशासन को इसका भुगतान करना चाहिए। कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि वह इसके लिए जल्द ही सलाहकार मनोज परिदा और मेयर को भी पत्र लिखेंगे। उनका कहना है कि कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के परिजन पहले ही काफी दुखी होती है ऐसी स्थिति में उनसे शुल्क नहीं लेना चाहिए। उनका कहना है कि जब नगर निगम एलपीजी-सीएनजी बेस्ड क्रिमेशन फर्नेस से होने वाले संस्कार का खर्चा झेल सकता है तो लकड़ी से होने वाले शव के संस्कार का भी खर्चा वहन करना चाहिए। औद्योगिक क्षेत्र के श्मशान घाट को त्रिकालदर्शी सेवा दल संस्था की तरफ से चलाया जा रहा है। मेयर रविकांत शर्मा का कहना है कि श्मशान घाट में संस्कार के दौरान नगर निगम के कर्मचारी तैनात रहते हैं। उन्हें इस बात पर भी नजर रखने के लिए कहा गया है कि कोई भी तय रेट से ज्यादा शुल्क चार्ज न करे।

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