2-जीडी दवा बनाने वाली टीम में डीएवी कालेज -10 के छात्र रहे डा. सुधीर भी शामिल

पूरी दुनिया कोविड महामारी के खिलाफ जंग लड़ रही है। ऐसे में जिस कालेज का छात्र महामारी के इलाज के लिए दवा की खोज कर दे तो उस कालेज के लिए गर्व होना स्वभाविक है। शहर के डीएवी कालेज- 10 को आज ऐसी ही अनुभूति हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:34 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:34 PM (IST)
2-जीडी दवा बनाने वाली टीम में डीएवी कालेज -10 के छात्र रहे डा. सुधीर भी शामिल
2-जीडी दवा बनाने वाली टीम में डीएवी कालेज -10 के छात्र रहे डा. सुधीर भी शामिल

-रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने खोज की है एंटी कोविड दवा 2-जीडी की

-रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में चीफ साइंटिस्ट हैं डा. सुधीर चांदना

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विकास शर्मा, चंडीगढ़

पूरी दुनिया कोविड महामारी के खिलाफ जंग लड़ रही है। ऐसे में जिस कालेज का छात्र महामारी के इलाज के लिए दवा की खोज कर दे तो उस कालेज के लिए गर्व होना स्वभाविक है। शहर के डीएवी कालेज- 10 को आज ऐसी ही अनुभूति हो रही है।

डीएवी कालेज-10 के प्रिंसिपल पवन शर्मा ने बताया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानि डीओआरडीओ ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ जिस 2-डियोक्सी -डी -ग्लूकोज (2-डीजी) दवा की खोज की है उस टीम में डीएवी कॉलेज के छात्र डा. सुधीर चांदना भी शामिल हैं। यह दवा एक पाउडर के रूप में है। इस दवा को बनाने में डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को लगभग एक साल का समय लगा है। सोमवार से इस दवा को अस्पतालों और आम लोगों के लिए जारी कर दिया गया है। डीएवी -10 के प्रिंसिपल पवन शर्मा ने बताया कि यह उनके गर्व की बात है कि वह उस कालेज के प्रिसिपल हैं, जिसके पूर्व छात्र ने एंटी कोविड दवा टू डीजी बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

वर्ष 1985 में चांदना ने कालेज से की थी बीएससी

प्रिंसिपल पवन शर्मा ने बताया कि डीआरडीओ के चीफ साइंटिस्ट सुधीर चांदना मूलरूप से हिसार के रहने वाले हैं और उन्होंने वर्ष 1985 में डीएवी कालेज से बीएससी पास की थी। इसके बाद उन्होंने एचएयू से एमएससी इन जेनेटिक्स में पास (1989-90)की थी। इसके बाद चांदना ने रिसर्च के क्षेत्र में जाने को तरजीह दी। इसके लिए उन्होंने डीआरडीओ को बतौर करियर चुना। डा. सुधीर चांदना यंग साइंटिस्ट का भी अवार्ड जीत चुके हैं। मौजूदा समय में वह डीआरडीओ के ग्वालियर सेंटर में एडिशनल डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि जैसे ही हालात सामान्य होंगे कालेज प्रशासन की ओर से डा. सुधीर चांदना को कालेज में बुलाकर सम्मानित किया जाएगा।

मेडिकल इतिहास में यह एक बड़ी खोज

डा. पवन शर्मा ने बताया कि डीआरडीओ की तरफ से खोजी गई यह एंटी कोविड दवा टू डीजी मेडिकल इतिहास में एक बड़ी खोज है। आज पूरी दुनिया इस महामारी में ऐसी दवा को चाहती है जो मानव जाति को बचा सके। यह दवा कोरोना को हराने में सक्षम बताई जा रही है। द ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने भी इसे मान्यता दे दी है। ऐसे में नकारात्मक माहौल में यह एक सुखद खबर है।

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