चंडीगढ़ की खुशी 17 साल की उम्र में बनी लेखक, एजवेंचर थ्रिलर पर लिख दिया उपन्यास
पढ़ने में दिलचस्पी रखने वाली खुशी ने कहा कि किताब लिखने के लिए अच्छा पढ़ना भी उतना ही जरूरी है साथ ही चीजों को महसूस होना चाहिए। किताब को लेकर मिल रहे रिव्यू से काफी खुश हूं और भविष्य में भी लिखना जारी रखूंगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ की 17 साल की खुशी ने इस छोटी सी उम्र में कुछ ऐसा करके दिखाया है जो उम्रदराज लोग भी नहीं कर पाते। लिखने का शौक और कुछ कर गुजरने की तमन्ना ने खुशी शर्मा को लेखक बना दिया। सेक्टर-9 स्थित कार्मल कान्वेंट स्कूल में 12वीं की छात्रा खुशी शर्मा ने उपन्यास लिखा है, जिसका शीर्षक 'द मिसिंग प्रोफेसी, राइज आफ द ब्लू फोनिक्स' है। अपने उपन्यास के बारे में खुशी ने बताया कि जिंदगी में अपनी सोच को शब्दों में किताब के माध्यम से दूसरों तक पहुंचना एक अलग ही तरह का रोमांच पैदा करता है। मुझे शुरू से ही लिखने का शौक रहा है, लेकिन मैं किताब भी लिख पाऊंगी यह उम्मीद नहीं थी।
खुशी शर्मा का हाल ही में पहला उपन्यास द मिसिंग प्रोफेसी, राइज आफ द ब्लू फोनिक्स रिलीज हुआ है। यह उपन्यास एजवेंचर थ्रीलर पर आधारित है। पढ़ने में दिलचस्पी रखने वाली खुशी ने कहा कि किताब लिखने के लिए अच्छा पढ़ना भी उतना ही जरूरी है, साथ ही चीजों को महसूस होना चाहिए। किताब को लेकर मिल रहे रिव्यू से काफी खुश हूं और भविष्य में भी लिखना जारी रखूंगी। शब्दों को मोती की तरह पिरोना भी एक कला है।
खुशी के अनुसार उन्होंने इस उपन्यास पर 2020-21 कोविड टाइम में पूरा किया है। उन्होंने कहा कि पढ़ने के शौक के कारण ही वह इस तरह का उपन्यास लिख पाई हैं। 10वीं बोर्ड एग्जाम के बाद मिले कुछ फ्री टाइम में इन्होंने किताब को लिखना शुरू किया था और उसके बाद मुड़कर नहीं देखा। पेरेंट्स ने भी किताब लिखने के लिए काफी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अभी अगले उपन्यास के बारे में सोचा नहीं है, लेकिन लिखने का क्रम पहले की तरह जारी रहेगा।
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