मोहाली स्थित PSEB बिल्डिंग में चल रहे अन्य विभागों का 17.66 करोड़ रुपये का किराया बकाया, सरकार भी देनदार
मोहाली के फेज-8 में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) की सात मंजिला इमारत है। पीएसईबी की इमारत में अलग-अलग सरकारी विभाग चल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पीएसईबी की इस इमारत में कार्यरत अन्य विभाग शिक्षा बोर्ड को किराया के बकाया का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
रोहित कुमार, मोहाली। मोहाली के फेज-8 में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) की सात मंजिला इमारत है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) की इमारत में अलग अलग सरकारी विभाग चल रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पीएसईबी की इस इमारत में कार्यरत अन्य विभाग शिक्षा बोर्ड को किराया के बकाया का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इसलिए विभिन्न विभाग और सूबा सरकार शिक्षा बोर्ड की करोड़ों रुपये की देनदार है। विभागों की ओर से करीब 17 करोड़ 66 लाख रुपये किराया बकाया है। जबकि राज्य सरकार की ओर से चार सौ करोड़ रुपये देना बाकी है। राज्य सरकार की ओर से पैसों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पिछले दस साल से पीएसईबी सरकार को भुगतान करने की मांग कर रहा है। लेकिन बोर्ड को जल्द राशि जारी करने का सिर्फ आश्वासन दिया जाता है।
ध्यान रहे कि बोर्ड की ओर से जो पाठ्य पुस्तकों की छपाई की जाती है। इसका भुगतान प्रदेश सरकार करती है। सरकार द्वारा बकाया का भुगतान न होने के कारण विभाग को अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने के आर्थिक परेशानी हो रही है। इस कारण बोर्ड की सेवानिवृत कर्मचारियों की एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से बकाया राशि का तुरंत भुगतान करने की मांग की है। शिक्षा बोर्ड की ओर से पाठ्यपुस्तकों की छपाई करवाकर राज्य के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों तक पहुंचती है।
एसोसिएशन के जनरल सचिव गुरमेल सिंह मौजेवाल ने बताया कि बोर्ड की बकाया राशि का भुगतान तुरंत किए जाने की मांग सरकार से की गई। बोर्ड ने करोड़ों रुपये खर्च कर भविष्य की जरूरतों के मुताबिक नई इमारत का निर्माण किया था। इस इमारत में सरकार की ओर से कई विभागों का कब्जा करवा दिया गया है। ये विभाग किराये का भुगतान तक नहीं करते। संगठनों की ओर से आवाज उठाए जाने के बाद किराये का भुगतान तो शुरू हो गया है, लेकिन 17 करोड़ 66 लाख रुपये बकाया है उसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
प्रेस सचिव हरिंदरपाल सिंह हैरी ने बताया कि सरकार तुरंत बोर्ड को उसकी बकाया धनराशि का भुगतान करे। अगर ऐसा नहीं होता है तो बोर्ड के मुलाजिमों और पेंशनर्स को संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा। मौजूदा वित्तीय हालत को देखते हुए बोर्ड पे कमीशन की सिफारिशें लागू करने की स्थिति में नहीं है। बैठक में पे कमीशन रिपोर्ट की भी आलोचना की गई है। एसोसिएशन की तरफ से पंजाब भर से आए अस्थायी अध्यापकों के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बैठक में अस्थायी अध्यापकों के मोहाली में जारी संघर्ष को हर तरह का समर्थन देने का फैसला लिया गया है।