अहिसा और धर्म से ही विश्व शांति संभव: डा. राजेंद्र मुनि

जैन संत डा. राजेंद्र मुनि ने अपने प्रवचन में फरमाया कि भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांत जियो और जीने दो को जीवन में उतारना चाहिए। अहिसा और धर्म से ही विश्व शांति संभव है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 10:02 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 10:02 PM (IST)
अहिसा और धर्म से ही विश्व शांति संभव: डा. राजेंद्र मुनि
अहिसा और धर्म से ही विश्व शांति संभव: डा. राजेंद्र मुनि

जासं,बठिडा: जैन स्थानक कपड़ा मार्किट बठिडा के प्रवचन हाल में जैन संत डा. राजेंद्र मुनि ने अपने प्रवचन में फरमाया कि भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांत जियो और जीने दो को जीवन में उतारना चाहिए। अहिसा और धर्म से ही विश्व शांति संभव है।

उन्होंने कहा कि प्राणिमात्र एक है, चाहे वो पशु व नर हो, वनस्पति हो या छोटे-छोटे जीव जन्तु हो, प्राण तत्व की अपेक्षा समस्त जीव आत्माएं एक समान हैं। समस्त धर्मों का सार अहिसा व शाकाहार है। किसी भी धर्म में हिसा को धर्म नहीं कहा है। भगवान राम, कृष्ण, महावीर, गुरु नानक व बुद्ध सभी ने दुनिया के किसी भी जीव को मत सताने का उपदेश दिया है। कुरान में भी यही लिखा है मेरी दुनिया को कोई भी न सतावे। वर्तमान समय में कोरोना की इस महामारी में पशुवध मांसाहार भी एक प्रमुख कारण है। मांसाहार व शराब से दूर रहने का सन्देश दिया है। शुद्ध सात्विक शाकाहार मनुष्य का जन्मजात आहार रहा है। बढ़ती हुई आबादी में अन्न पानी की कमी को रोकने के लिए भी शाकाहार जरूरी है। स्वस्थ आहार स्वस्थ मन स्वस्थ जीवन प्रदान करता है। सभा में महामंत्री उमेश जैन ने 23 जुलाई को चातुर्मास शुभाआरम्भ के अवसर पर सामायिक व जाप दिवस के रूप में सभी को आमंत्रित किया। वातावारण की शुद्धता के लिए बांटे 400 पौधे समाजसेवी व वातावरण प्रेमी मुकेश कुमार सिगला और भारत भूषण सिगला ने वातावरण की शुद्धता के लिए 400 के करीब फलदार और फूलदार पौधे बांटे।

मुकेश सिगला ने बताया कि वह फालतू खर्च करने के बजाय पिछले तीन साल से पौधे लगाने का यत्न कर रहे हैं। कोरोना महामारी दौरान आक्सीजन की कमी होने के कारण बहुत से लोगों की जान गई है। इसलिए कुदरती स्त्रोतों की तरफ अधिक ध्यान देने की जरूरत है। बड़े स्तर पर फैल रहा प्रदूषण मानवता के लिए खतरा बन चुका है। हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिएं। भविष्य में भी यह मुहिम जारी रखी जाएगी। इस मौके राम शर्मा, सरूप सिंह, कुशान सिगला, मोहित गर्ग, पारस सिगला, नायब सिंह, मीता बिदर, विजय मित्तल आदि हाजिर थे।

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