लिफ्टिंग की रफ्तार अत्यंत धीमी, दो लाख बोरी मंडियों में पड़ी

बारदाने की कमी के चलते गेहूं की धीमी खरीद के साथ ही लिफ्टिंग की गति भी अत्यंत धीमी चल रही है। धीमी लिफ्टिंग के कारण तमाम मंडियों में गेहूं की बोरियों के अंबार लगने शुरू हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:12 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:12 AM (IST)
लिफ्टिंग की रफ्तार अत्यंत धीमी, दो लाख बोरी मंडियों में पड़ी
लिफ्टिंग की रफ्तार अत्यंत धीमी, दो लाख बोरी मंडियों में पड़ी

सुभाष चंद्र, बठिडा : बारदाने की कमी के चलते गेहूं की धीमी खरीद के साथ ही लिफ्टिंग की गति भी अत्यंत धीमी चल रही है। धीमी लिफ्टिंग के कारण तमाम मंडियों में गेहूं की बोरियों के अंबार लगने शुरू हो गए हैं। हर तरफ मंडियों में बोरियां ही बोरियां पड़ी दिखाई पड़ रही हैं। इस स्थिति के चलते किसानों और आढ़तियों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। आढ़तियों का कहना है कि लिफ्टिंग की ढीली कारगुजारी के चलते किसानों को मंडी में गेहूं उतारने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है। अनाज मंडी में पहुंचकर किसानों के लिए वापस लौटना भी मुश्किल है। इसलिए किसान जहां कहीं भी सड़क पर जगह मिलती है, वहीं गेहूं ढेरी कर देता है। इससे आवाजाही में रुकावट पैदा होती है। खरीद एजेंसियों के बारदाना उपलब्ध कराने के साथ लिफ्टिंग की गति भी तेज करनी चाहिए।

200505 मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में लिफ्टिंग के इंतजार में

जिले भर में बीते मंगलवार की शाम तक कुल 407655 मीट्रिक टन की मंडियों में गेहूं की आवक हो चुकी थी। इसमें से 335777 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी थी। अकेले मंगलवार को जिले भर में 25390 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई थी। उक्त दिन तक 71878 मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में खरीद के इंतजार में पड़ा था। इसी तरह कुल खरीद हो चुकी 335777 मीट्रिक टन गेहूं में से 153272 मीट्रिक टन गेहूं ही मंडियों से लिफ्ट हो पाया था। जबकि 200505 मीट्रिक टन गेहूं जिले भर की मंडियों में लिफ्टिंग के इंतजार में पड़ा है। जिसमें से काफी गेहूं बीते मंगलवार को हुई बरसात में भीग भी चुका है। हालांकि जिला मुख्यालय के मुख्य यार्ड में बुधवार को लिफ्टिंग में कुछ तेजी दिखाई पड़ी। काफी ट्रैक्टर ट्रालियां लिफ्टिंग में लगी हुई थीं। लेकिन इसके बावजूद मुख्य यार्ड बोरियों से पटा पड़ा था।

बारदाने और पेमेंट की तरह ही लिफ्टिंग की समस्या: बब्बू

कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान सतीश कुमार बब्बू ने कहा कि जिस तरह से बारदाने की कमी है और खरीद की गति ढीली होने के अलावा अदायगी भी निर्धारित समय अवधि में नहीं हो रही है, उसी तरह से लिफ्टिंग का भी बुरा हाल है। आढ़तियों को किसानों का गेहूं उतरवाने के लिए दिक्कतों को सामना करना चाहिए। राज्य सरकार को उनकी दिक्कतों को गंभीरता से लेना चाहिए।

72 घंटे में उठाना होता है खरीद किया माल : डीएफएससी

उधर, डिस्ट्रिक्ट फूड सप्लाई कंट्रोलर जसप्रीत सिंह काहलों का दावा है कि लिफ्टिंग तेजी के साथ हो रही है। खरीद हो चुका गेहूं 72 घंटे के अंदर-अंदर उठाया जाना होता है। इसलिए 72 घंटे वाले गेहूं की लिफ्टिंग 100 फीसद हो चुकी है।

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