सरल भाषा में होना चाहिए अकादमिक लेखन: प्रो. दीप्ति

अकादमिक लेखन विषय पर वेबिनार आयोजित किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 10:00 PM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 10:00 PM (IST)
सरल भाषा में होना चाहिए अकादमिक लेखन: प्रो. दीप्ति
सरल भाषा में होना चाहिए अकादमिक लेखन: प्रो. दीप्ति

जागरण संवाददाता, बठिडा: पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की ओर से कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में अकादमिक लेखन विषय पर वेबिनार आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व अध्यक्ष अंग्रेजी व सांस्कृतिक अध्ययन विभाग पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के प्रो. दीप्ति गुप्ता थे।

कार्यक्रम की शुरुआत संयोजक डा. शाहिला जफर के स्वागत भाषण के साथ हुई। उन्होंने बताया कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के पेशेवर, भाषाई व करियर विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर तीन व्याख्यान की वेबिनार श्रृंखला के तहत यह पहला व्याख्यान है। इस वेबिनार श्रृंखला का उद्घाटन करते हुए डीन इंचार्ज अकादमिक प्रो. आरके वुसिरिका ने कहा कि अकादमिक लेखन एक महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर अधिकांश छात्रों को कठिनाई होती है। यह वेबिनार उनके लिए मददगार साबित होगा। डा. पृथ्वी राज ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया।

मुख्य वक्ता प्रो. दीप्ति गुप्ता ने कहा कि हमें परीक्षा उत्तर-पुस्तिकाएं, असाइनमेंट्स और शोध-पत्रों को लिखते समय अकादमिक लेखन का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। यह एक ऐसा कौशल है जिसे कोई भी नियमित अभ्यास और धैर्य के साथ सीख सकता है। अकादमिक लेखन व्यक्तिगत लेखन से अलग है। इसका एक निर्धारित प्रारूप है। अकादमिक लेखन की प्रमुख विशेषताओं को सांझा करते हुए उन्होंने छात्रों को अकादमिक लेखन के दौरान एक उद्देश्यपूर्ण एवं तर्कसंगत ²ष्टिकोण अपनाने, साक्ष्य-आधारित लेखन के साथ सरल भाषा को अपनाने और सार्वजनिक राय एवं विशेषज्ञ विचारों को शामिल करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एक अच्छा शोध-पत्र हमेशा एक प्रतिष्ठित शोध पत्रिका में प्रकाशित होता है। बशर्ते उसमें अच्छी तरह से लिखी हुई सारांश रिपोर्ट, संदर्भ व साहित्यिक चोरी के खतरों के खिलाफ सामग्री की मौलिकता का प्रमाण मौजूद हों। अकादमिक लेखन में प्रूफरीडिग महत्वपूर्ण रणनीति है। छात्रों को अपने लेखन को अंतिम रूप देने से पहले इसका उपयोग करना चाहिए। डा. विपन पाल सिंह ने विद्वतापूर्ण व्याख्यान देने के लिए मुख्य वक्ता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस वेबिनार में सक्रिय भागीदारी के लिए संकाय व छात्रों को धन्यवाद दिया।

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