बेहतर प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं भारतीय आहार परंपराएं: प्रो. तिवारी

कोरोना महामारी काल में नवाचार वैश्विक गुरु के रूप में भारत की भूमिका विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 09:58 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 09:58 PM (IST)
बेहतर प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं भारतीय आहार परंपराएं: प्रो. तिवारी
बेहतर प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं भारतीय आहार परंपराएं: प्रो. तिवारी

जासं,बठिडा: पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिडा (सीयूपीबी) में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कोरोना महामारी काल में नवाचार वैश्विक गुरु के रूप में भारत की भूमिका विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। सीयूपीबी में आइआइसी और एनएसएस के द्वारा कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में इस कार्यक्रम का संचालन किया गया। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। डा. अनसूया राय, संस्थापक और सीईओ, नैनोसेफ साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड विशेष वक्ता के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुई।

कार्यक्रम के आरंभ में डीन इंचार्ज अकादमिक प्रो. आर.के. वुसिरिका ने औपचारिक अभिनंदन करते हुए मुख्य वक्ता का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि प्रो. कोटेचा एक भारतीय आयुर्वेद चिकित्सक हैं, जिन्होंने 2015 में मेडिसिन के लिए पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त किया। डा. सब्यसाची सेनापति और डा. प्रीती खेतरपाल ने कार्यक्रम की विषय पर प्रकाश डाला। वैद्य राजेश कोटेचा (सचिव, आयुष मंत्रालय) ने कोविड -19 के दौरान आयुष मंत्रालय की पहल के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद वह विज्ञान है जो शरीर, मन, इंद्रियों और आत्मा का एक संयोजन है, इसलिए सामूहिक रूप से इसे जीवन कहा जाता है। विशेष वक्ता डा. अनसूया राय ने 'कोविड -19 महामारी के खिलाफ एक हथियार के रूप में यूनिवर्सल मास्किग और इसकी भूमिका' विषय पर अपना व्याख्यान दिया। इसके उपरांत प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने इस बात पर बल दिया कि मनुष्य का स्वास्थ्य हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की स्थिति ने इस बात की पुन: पुष्टि की है कि हमारी भारतीय आहार परंपराएं हमें बेहतर प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं और विभिन्न मौसमों में हमें स्वस्थ रखती हैं। अंत में आइआइसी अध्यक्ष और एनएसएस समन्वयक डा. मोनिशा धीमान ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। सीयूपीबी संकाय, कर्मचारी, शोधार्थी और छात्र आभासी पटल के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

chat bot
आपका साथी