डीजल की बढ़ी कीमतों के विरोध में ट्रक संचालकों ने जताया रोष
डीजल की बढ़ रही कीमतों के विरोध में ट्रक संचालकों ने मंगलवार को बठिडा में विभिन्न जगहों पर नाके लगाकर बाहर से शहर में आने वाले कमर्शियल वाहनों को रोककर विरोध जताया। ट्रक संचालकों ने गोनियाना रोड बठिडा डबवाली रोड व बठिडा मानसा रोड पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस दौरान ट्रक संचालकों ने ट्रकों को रोककर चालकों से अपील की कि वह बढ़ रही कीमतों के विरोध में शुरू किए गए संघर्ष में उनका साथ दें।
जागरण संवाददाता, बठिडा : डीजल की बढ़ रही कीमतों के विरोध में ट्रक संचालकों ने मंगलवार को बठिडा में विभिन्न जगहों पर नाके लगाकर बाहर से शहर में आने वाले कमर्शियल वाहनों को रोककर विरोध जताया। ट्रक संचालकों ने गोनियाना रोड, बठिडा डबवाली रोड व बठिडा मानसा रोड पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस दौरान ट्रक संचालकों ने ट्रकों को रोककर चालकों से अपील की कि वह बढ़ रही कीमतों के विरोध में शुरू किए गए संघर्ष में उनका साथ दें। साथ ही सरकार को चेतावनी भी दी कि अगर पेट्रोल की कीमतों को करने की कोशिश नहीं की गई तो वह संघर्ष करेंगे।
गोनियाना रोड पर किए गए प्रदर्शन के दौरान मनप्रीत सिंह ने बताया कि उनके द्वारा सिर्फ कमर्शियल वाहनों को रोका गया है। चालकों को उनके संघर्ष में साथ देने की अपील की गई है। वहीं अब टैक्सी चालक भी उनका साथ देने के लिए तैयार हैं। इसी प्रकार डबवाली रोड पर बलविदर सिंह व बलजीत सिंह की अगुआई में किए गए प्रदर्शन के दौरान बाहर से आने वाले ट्रकों को रोक कर विरोध जताया गया। जबकि मानसा रोड पर जस्सी चौक में कैंटर यूनियन ने पेट्रोल डीजल के बढ़े रेट के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सड़क भी जाम की, जिस कारण लोगों को ट्रैफिक की समस्या से भी जूझना पड़ा। गोनियाना रोड पर किए गए प्रदर्शन के दौरान मनप्रीत सिंह ने बताया कि उनके द्वारा सिर्फ कमर्शियल वाहनों को रोका गया है। चालकों को उनके संघर्ष में साथ देने की अपील की गई है। वहीं अब टैक्सी चालक भी उनका साथ देने के लिए तैयार हैं। इसी प्रकार डबवाली रोड पर बलविदर सिंह व बलजीत सिंह की अगुआई में किए गए प्रदर्शन के दौरान बाहर से आने वाले ट्रकों को रोक कर विरोध जताया गया। जबकि मानसा रोड पर जस्सी चौक में कैंटर यूनियन ने पेट्रोल डीजल के बढ़े रेट के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सड़क भी जाम की, जिस कारण लोगों को ट्रैफिक की समस्या से भी जूझना पड़ा।