पहले दिन सरकारी स्कूलों में पहुंचे 20 फीसद बच्चे, नहीं खुले निजी स्कूल

कोरोना की दूसरी लहर को प्रकोप के बाद मार्च में बंद हुए स्कूल करीब चार माह बाद सोमवार से खोल दिए गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:45 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:45 AM (IST)
पहले दिन सरकारी स्कूलों में पहुंचे 20 फीसद बच्चे, नहीं खुले निजी स्कूल
पहले दिन सरकारी स्कूलों में पहुंचे 20 फीसद बच्चे, नहीं खुले निजी स्कूल

संस, बठिडा: कोरोना की दूसरी लहर को प्रकोप के बाद मार्च में बंद हुए स्कूल करीब चार माह बाद सोमवार से खोल दिए गए। हालांकि अभी सिर्फ 10वीं से 12वीं तक के बच्चों को ही स्कूल बुलाने के लिए कहा गया है, लेकिन पहले ही दिन अधिकतर सरकारी स्कूलों में पेरेट्स-टीचर मीट (पीटीएम) ही हुई। जहां पीटीएम नहीं थी, वहां भी सिर्फ 20 फीसद बच्चे ही स्कूल पहुंचे। वहीं निजी स्कूलों को खोलने के लिए अब तक प्रबंधकों ने कोई फैसला नहीं लिया, जिस कारण किसी भी निजी स्कूल में कक्षा नहीं लगी। दरअसल, स्कूल खोलने से पहले सरकार ने कुछ नियम तय किए हैं। इसके तहत स्कूल स्टाफ का 100 फीसद टीकाकरण जरूरी है, जो अब तक नहीं हो पाया है। वहीं स्कूलों को कहा गया है कि वे अभिभावकों की लिखित मंजूरी के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाएं। इसलिए अभी स्कूल प्रबंधक अभिभावकों से अनुमति पत्र ही साइन करवा रहे हैं। अभिभावक तीसरी लहर को लेकर चिंतित

अभिभावक अब भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। कहीं न कहीं उनमें कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डर व्याप्त हैै। स्कूलों की ओर से जारी स्वघोषणा पत्र में कहा गया है कि बच्चों को अपनी जिम्मेदारी पर स्कूल भेजें। अभिभावक अवनीत सिंह ने बताया कि उनकी बेटी सरकारी कन्या स्कूल में पढ़ती है। स्कूल वाले कह रहे हैं कि अपनी जिम्मेदारी पर बच्ची को स्कूल भेजें। अब स्कूल में नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, यह कौन देखेगा? इसलिए बच्ची को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। स्कूल में चल रहा निर्माण, बच्चों के बैठने की जगह तक नहीं

सरकार द्वारा आदेश जारी किए गए हैं कि बच्चों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालण जरूरी है। वहीं बठिडा के सरकारी सीनियर सेकंडरी कन्या स्कूल व सरकारी हाई स्कूल घन्हैया नगर में निर्माण कार्य के चलते बच्चों को बैठाने की जगह तक नहीं है। 10वीं से 12वीं तक ही करीब 1400 विद्यार्थी हैं, जिन्हें एक बिल्डिग में बैठाना पड़ेगा। ऐसे में नियमों का पालन कर पाना असंभव है। अभिभावकों की लिखित समहति पर ही खोलेंगे स्कूल: खुराना

बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों से लिखित मंजूरी मांगी जा रही है। उनकी लिखित मंजूरी के बाद ही कुछ-कुछ गिनती में बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही स्कूल खोलने पर फैसला ले लिया जाएगा। साथ ही कुछ स्कूलों में अभी सैनिटाइजेशन बाकी है। स्कूल संचालकों को जल्द से जल्द सैनिटाइजेशन के लिए कहा गया है।

- विनोद कुमार, प्रधान, प्राइवेट अनएडिड स्कूल एसोसिएशन जिले के ज्यादातर स्कूल हुए सैनिटाइज्ड: भुट्टर

हमारी तरफ से ज्यादातर स्कूलों को सैनिटाइज कर दिया गया है। अन्य स्कूलों को भी जल्द कर दिया जाएगा। स्टाफ से वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट मांगा गया है। बाकि जिन स्कूलों में बिल्डिग की समस्या आ रही है, उन स्कूलों में दो शिफ्टों में बुलाया जाएगा।

- इकबाल सिंह बुट्टर, उपजिला शिक्षा अधिकारी

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