दूसरे दिन भी ठप रहीं सेहत सेवाएं, मरीज परेशान
नान प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) समेत अन्य भत्तों में कटौती के खिलाफ जारी सरकारी अस्पतालों में हड़ताल का असर मंगलवार को दूसरे दिन भी मरीजों पर पड़ा।
जासं,बठिडा: नान प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) समेत अन्य भत्तों में कटौती के खिलाफ जारी सरकारी अस्पतालों में हड़ताल का असर मंगलवार को दूसरे दिन भी मरीजों पर पड़ा। उन्हें न तो इलाज मिला और न ही दवा। डाक्टरों ने दूसरे दिन भी सीएमओ समेत तमाम सेहत अधिकारियों के दफ्तर को ताला लगाकर पंजाब सरकार व सेहत मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सिविल सर्जन दफ्तर की तालाबंदी के चलते सीएमओ डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो ने अस्पताल परिसर में स्थित सरकारी निवास के कैपस आफिस में बैठकर काम किया। डाक्टरों ने बुधवार को भी हड़ताल की घोषणा की है।
डाक्टरों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पताल में ओपीडी से लेकर इलेक्टिव सर्जरी, यूडीआइडी कैंप, आयुषमान भारत सरबत सेहत बीमा योजना, आर्म और ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के लिए होने वाली मेडिकल एग्जामिनेशन, डोप टेस्ट, ई-संजीवनी की आनलाइन कंसल्टेशन पूरी तरह से बंद रही। वहीं, अब प्रशासनिक काम भी नहीं सके। उधर, पीसीएमएस एसोसिएशन की जिला इकाई के प्रधान डा. जगरूप सिंह ने कहा कि बुधवार को भी सिविल सर्जन दफ्तर में धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। दफ्तर में किसी तरह का काम न हो इसे सुनिश्चित करने के लिए टीमें भी गठित कर दी गई हैं। अगर तीन दिन बाद भी सरकार की ओर से कोई निर्णय न लिया गया तो मोहाली स्थित डायरेक्टर दफ्तर में भी ताला जड़ा जाएगा।
निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने को मजबूर मरीज पिछले 40 दिन से सिविल अस्पताल में मरीज परेशान हो रहे हैं। हालांकी बीच-बीच में डाक्टरों ने पैरलल ओपीडी चलाई, लेकिन टेस्ट या अन्य किसी तरह की जांच नहीं हुई। मंगलवार को मरीजों को इलाज भी नहीं मिला। इलेक्टिव सर्जरी के लिए अब मरीजों को और भी ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में कई मरीज प्राइवेट में जाकर महंगा इलाज करवाने को मजबूर हो रहे हैं।