त्रिवेणी कंपनी से ओएचएसआर प्रोजेक्ट भी छीना, सीवरेज बोर्ड ने लगाया टेंडर

त्रिवेणी कंपनी से पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड ने एक और प्रोजेक्ट छीनते हुए ग्रोथ सेंटर में ओवरहेड स्टोरेज रिसर्वायर (ओएचएसआर) का टेंडर भी लगा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:15 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:15 AM (IST)
त्रिवेणी कंपनी से ओएचएसआर प्रोजेक्ट भी छीना, सीवरेज बोर्ड ने लगाया टेंडर
त्रिवेणी कंपनी से ओएचएसआर प्रोजेक्ट भी छीना, सीवरेज बोर्ड ने लगाया टेंडर

सुभाष चंद्र, बठिडा

शहर में सीवरेज और वाटर सप्लाई और इसकी मेटीनेंस का काम देख रही त्रिवेणी कंपनी से पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड ने एक और प्रोजेक्ट छीनते हुए ग्रोथ सेंटर में ओवरहेड स्टोरेज रिसर्वायर (ओएचएसआर) का टेंडर भी लगा दिया है। पहले इसका निर्माण सीवरेज बोर्ड के साथ हुए कांट्रैक्ट के तहत त्रिवेणी कंपनी ने करना था, लेकिन शुरू से ही इस कांट्रैक्ट के विवादों में आ जाने पर आजतक सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी कंपनी के बीच तालमेल ही नहीं बन पाया। इसके चलते जहां इससे पहले त्रिवेणी के हाथों से ग्रोथ सेटर पर एसएंडएस टैंकों का निर्माण निकल चुका है, वहीं अब ओएचएसआर भी हाथ से चला गया है।

दरअसल, मानसा रोड एवं डबवाली रोड स्थित दो दर्जन मोहल्लों के अलावा कई अन्य क्षेत्रों को भी सुचारू वाटर सप्लाई उपलब्ध करवाने के लिए पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड ने ग्रोथ सेंटर में ओएचएसआर का टेंडर लगाया है। बीते जून माह में लगाया गया यह टेंडर दो अगस्त को खुलेगा। करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से इस ओएचएसआर का निर्माण होगा। टेंडर खुलने पर अलाटमेंट के बाद नौ माह में इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। करीब एक माह पहले यहां पर नगर निगम की ओर से सेडिमेंटेशन एंड स्टोरेज (एसएंडएस) के निर्माण के लिए खोदाई का कार्य भी शुरू किया जा चुका है।

उक्त इलाकों को सुचारू वाटर सप्लाई उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2016 में त्रिवेणी इंजीनियर्स एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से सीवरेज बोर्ड के साथ 288 करोड़ रुपये के करार के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और ओएचएसआर का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तो अंतत: चार साल में बनकर तैयार हो गया, जिसका बीती 15 अगस्त को उद्घाटन भी हो चुका है, लेकिन ओएचएसआर का काम बोर्ड व त्रिवेणी के बीच पैदा हुए विवाद के चलते रुक गया था। एसएंडएस टैंकों का निर्माण भी शुरू ही नहीं पाया था। ओएचएसआर और एसएंडएस टैंक के बिना अकेला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी किसी काम का नहीं है। हालांकि तीनों प्रोजेक्ट एक साथ ही मुकम्मल होने चाहिए थे, लेकिन विभाग और त्रिवेणी के बीच पैदा हुए विवाद के चलते ओएचएसआर और एसएंडएस टैंकों का काम शुरू नहीं हो पाया था। अब जब अकेले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का कोई खास फायदा नहीं मिल रहा था तो नगर निगम की ओर से एसएंडएस टैंकों का निर्माण शुरू किया गया, जबकि सीवरेज बोर्ड की ओर से अब ओएचएसआर के निर्माण का टेंडर लगाया गया है। सीवरेज बोर्ड के एक्सइएन अश्वनी कुमार ने बताया कि करीब तीन करोड़ रुपये की लागत के इस प्रोजेक्ट को टेंडर की अलाटमेंट के बाद नौ माह में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है

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