बच्चों ने दिया बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश

सेंट कबीर जूनियर विग फेस- 3 बठिडा के विद्यार्थियों द्वारा दशहरा पर्व मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 09:52 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 09:52 PM (IST)
बच्चों ने दिया बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश
बच्चों ने दिया बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश

जासं,बठिडा : सेंट कबीर जूनियर विग फेस- 3 बठिडा के विद्यार्थियों द्वारा दशहरा पर्व मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य मेहमान चेतक आर्मी कैंट की प्रिसिपल संजना सिंह, डा.पूजा अरोड़ा ने कार्यक्रम की सीख को बड़ी श्रद्धा से अर्पण किया। बच्चों ने रामायण के अंशों से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। बच्चों ने डांडिया, गरबा के जरिए मां दुर्गा की अराधना की। स्कूल के एमडी प्रो.मोहन लाल अरोड़ा एवं प्रिसिपल मृनालिनी गुप्ता ने बच्चों की सहारना की। हनुमान जी ने फूंक डाली रावण की सोने की लंका श्री राम चरित्र कला केंद्र बठिडा की तरफ से आयोजित 28वीं अनुपम भेंट श्री राम लीला की सातवीं नाइट का मंचन बुधवार रात्रि स्थानीय एसएसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बठिडा गोल डिग्गी में किया गया। प्रबंधक कमेटी के प्रधान व सीनियर कांग्रेस नेता पवन मानी व निर्देशक विनोद सिगला की अगुआई में आयोजित रामलीला का शुभारंभ रिबन काटकर किया गया।

रामलीला मंचन के सातवें दिन हनुमान के लंका पहुंचने, अशोक वाटिका तहस-नहस करने और सोने की लंका जलाने के मंचन को दर्शकों की खूब सराहना मिली। रावण के अभिनय को दर्शकों खूब सराहा। रामलीला मंचन का शुभारंभ हनुमान के लंका में प्रवेश से हुआ। हनुमान के अशोक वाटिका में माता सीता की अनुमति से फलाहार करने, बगीचे को तहस-नहस करने, अनेक राक्षसों को मारने का मंचन दर्शकों को खूब गुदगुदा गया। इस मौके पर नृत्य निर्देशक ललित कुमार बागड़ी, संगीत निर्देशक राकेश शर्मा, मोहन लाल मोहनी, गीतकार बृज मोहन शांत, ओमदत्त दीवाना, पंडित हुक्म चंद खलीली, मोहिदर सिंह बावरा, मेकअप कुक्कू जिदल, राज कुमार राजा, घुंघरू, कीर्ती, तरसेम लाल आदि ने सहयोग दिया।

इसी तरह भट्टी रोड पर श्री राम चंद्र कला केंद्र क्लब की तरफ से करवाई जा रही श्री रामलीला की सातवीं नाइट में बाली वध और लंका दहन का मंचन किया गया। कमेटी के प्रधान डा. प्रवीन गर्ग ने बताया कि शानदार प्रस्तुति को देखने के लिए दर्शक देर रात तक अपनी जगह पर बैठे रहे। इसके अलावा प्रभु राम का सीता की खोज में निकलने, जंगल में जटायु से मिलने, सुग्रीम द्वारा राम को सीता के गहने दिखाने, हनुमान को लंका भेजने, हनुमान द्वारा अशोक वाटिका को तहस-नहस करने और हनुमान द्वारा रावण की लंका को जलाने का मंचन किया गया।

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